CM Rekha Gupta: दिल्ली में ठीक किए जाएंगे 50 हजार जर्जर फ्लैट, जरूरत पड़ी तो बनाएंगे 10 लाख मकान

CM Rekha Gupta
CM Rekha Gupta: दिल्ली में अवैध झुग्गी बस्तियों पर बुलडोजर एक्शन ने काफी सुर्खियां बटोरीं। झुग्गी-बस्ती वालों ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में बीजेपी सरकार बनाने में सहयोग किया। इसके बावजूद बीजेपी झुग्गी-बस्तियां खत्म कर रही है। हालांकि सीएम रेखा गुप्ता ने साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार ने झुग्गियां हटाई हैं लेकिन उसकी जगह उन्हें पक्के मकान दिए हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब दिल्ली में बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा।
हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली में बने फ्लैट्स का जायजा लेने गईं। इस दौकान उन्होंने जर्जर हो चुके 50 हजार फ्लैट्स को लेकर कहा कि इन सभी जर्जर फ्लैट्स की मरम्मत करा कर वो झुग्गी बस्ती वाले लोगों को दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी, तो 10 लाख मकान बनाकर भी गरीबों को आवंटित किए जाएंगे। सीएम ने कहा कि गरीबों को घर देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हर गरीब को घर' विजन को साकार करने की दिशा में एक कोशिश है।
इस दौरान सीएम ने पुरानी सरकारों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि साल 2011 में फ्लैट्स बनाए गए थे। इन्हें बनाने में अरबों रुपए खर्च किए गए। सरकारी लापरवाही और 'बदनियती' के कारण झुग्गीवासियों को घर नहीं मिल सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का मकसद है कि हर झुग्गीवासी को छत और बेहतर भविष्य दिया जा सके। हमारी सरकार मन से चाहती है कि हर गरीब को घर मिले। बहन-बेटियां सुरक्षित रहें।
सीएम रेखा गुप्ता ने झुग्गियों को तोड़ने से रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बिना पुनर्वास योजना के कोई भी एजेंसी झुग्गियों को नहीं तोड़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर विकास के लिए झुग्गियां हटाई भी जाती हैं, तो उन्हें वैकल्पिक आवास दिया जाएगा। झुग्गी-बस्तियों में तोड़फोड़ को रोकने की नीति में बदलाव किए जाएंगे और अगर जरूरत पडे़गी, तो कोर्ट भी जाएंगे।
बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता का ये बयान उस समय आया है, जब दिल्ली में बीते कुछ दिनों से बुलडोजर एक्शन के जरिए तोड़फोड़ की जा रही थी। इस कार्रवाई के कारण दिल्ली में सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा था। सूत्रों की मानें तो, ये मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा था। इसके बाद हाल ही में सीएम रेखा गुप्ता और केंद्र की बैठक हुई। इसके बाद आदेश आय़ा है कि बिना पुनर्वास के झुग्गी-बस्तियों को नहीं तोड़ा जाएगा।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 675 झुग्गी बस्तियां हैं। इनमें 3.06 लाख झुग्गिया हैं। इनमें से 50 फीसदी झुग्गियां डीडीए की जमीन पर बसी हुई हैं। 23 फीसदी झुग्गियां सरकारी/निजी या पब्लिक सेक्टर की जमीन पर बसी हैं।
