Supreme Court: 'यदि आप सच्चे भारतीय होते तो...', सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

Supreme Court Hearing on Rahul Gandhi Defamation Case
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राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए 2022 में दिए गए उनके बयान को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते। हालांकि कोर्ट ने उनके इस मामले पर स्टे लगा दिया है।

Supreme Court: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए आरपराधिक मानहानि मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी। बता दें कि ये मामला 2020 का है, जब भारतीय सेना और चीन के बीच गलवान घाटी में झड़प हुई थी। इस दौरान राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि चीनियों ने भारतीय क्षेत्र के 2000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट में हुई बहस

इस मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा, 'आपको कैसे पता कि 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी सेना ने कब्जा कर लिया है? क्या आप वहां पर मौजूद थे? क्या आपके पास कोई ठोस सबूत है। आप बिना किसी सबूत के बयान कैसे दे रहे हैं? अगर आप एक सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते।'

इस मामले पर अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा, 'अगर कोई विपक्षी नेता मुद्दा नहीं उठा सकता, तो ये एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी। अगर वे प्रेस में छपी बातें नहीं कह सकते हैं, तो वो विपक्ष के नेता नहीं हो सकते।'

राहुल गांधी से जुड़े इस मामले पर जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच सुनवाई कर रही है। अभिषेक मनु सिंघवी की इस दलील पर जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि आपको जो कुछ कहना है, वो संसद में क्यों नहीं कहते? आपको ऐसी चीजें सोशल मीडिया पोस्ट में ही क्यों कहना होता है?

जस्टिस दत्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता को कैसे पता कि चीनी सेना ने 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है? आपके पास कोई सबूत है? अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते।

इस पर अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि अगर कोई सच्चा भारतीय कहे कि हमारे 20 भारतीय सैनिकों को पीटा गया और मार डाला गया, तो ये चिंता का विषय है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि जब सीमा पर संघर्ष होता है, तो दोनों पक्षों में हताहत होना असामान्य है?

इस पर सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी केवल जानकारी देने और इस पर चिंता जताने की बात कर रहे थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि सवाल उठाने के लिए एक उचित मंच की जरूरत होती है।

इस पर सिंघवी ने कहा कि मैं मानता हूं कि राहुल गांधी अपनी टिप्पणियों को बेहतर ढंग से रख सकते थे। हालांकि उनके खिलाफ शिकायत, उन पर सवाल उठाने और उन्हें परेशान करने की एक कोशिश है।

हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर रोक लगा दी और उत्तर प्रदेश सरकार व शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया।

क्या है पूरा मामला?

राहुल गांधी ने कथित तौर पर 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अरुणाचल प्रदेश में बयान दिया था कि साल 2020 में भारत-चीन के बीच हुई झड़प के बाद चीनी सेना ने 2000 वर्ग किलोमीटर भीरतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने चीन के साथ सीमा गतिरोध के संदर्भ में भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट से पहले, 29 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था। गांधी ने समन आदेश और शिकायत को चुनौती देते हुए दावा किया था कि यह शिकायत प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण थी। हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर रोक लगा दी।

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