Chhath Puja: कल से शुरू होगा छठ महापर्व, दिल्ली की यमुना में स्नान करें या नहीं? जान लीजिए

देश की राजधानी दिल्ली में भी छठ महापर्व की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। एक तरफ जहां छठ पूजा के लिए विशेष घाट बनाए जा रहे हैं, वहीं यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए भी युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। चूंकि छठ पर्व कल से शुरू हो जाएगा, लिहाजा कई श्रद्धालुओं के मन में सवाल होगा कि स्नान करने के लिए यमुना के तट पर जाएं या अपने घर के पास बने घाट पर ही पूजन करें। लेकिन इस सवाल का जवाब देने से पहले बताते हैं कि 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस महापर्व पर क्या-क्या खास महत्व होता है।
छठ पर्व 2025 कैलेंडर के अनुसार पहले दिन यानी 25 अक्टूबर को नहाय खाय होता है। इस दिन व्रती किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद भोजन ग्रहण किया जाता है। इसके बाद सूर्यदय से लेकर सूर्यास्त तक व्रत रहता है। दूसरे दिन होता है खरना। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। शाम को आम की लकड़ी जलाकर गुड़ की खीर और घी से बनी रोटी तैयार करती हैं। सूर्य देव की विधि विधान से पूजा करने के बाद इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता है। इस प्रसाद के बाद व्रती अगले दिन सूर्य को अर्घ्य देने तक अन्न और जल ग्रहण नहीं करती है।
तीसरे दिन संध्या अर्घ्य होती है। इस दिन व्रती पूरा दिन बिना जल ग्रहण किए निर्जला व्रत रखती है। शाम को नदी में डूबकी लगाकर ढलते सूरज को अर्घ्य देती हैं। छठ पूजा के चौथे दिन ऊषा अर्घ्य का होता है। इस दिन व्रती और श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का व्रत खोला जाता है, जिसे पारण कहते हैं।
यमुना में स्नान करें या नहीं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते यमुना नदी का प्रदूषण काफी कम हुआ है। इसके अलावा, सफेद झाग को खत्म करने के लिए भी डी-फोमिंग का भी उपयोग किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड यमुना के जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार पानी के सैंपल ले रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड में कार्यरत अनिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कालिंदी कुंज में यमुना के जल का समय-समय पर सैंपल लेकर जांच की जा रही है। वर्तमान में जल की गुणवत्ता स्नान के लिए ठीक है। उन्होंने पहले के मुकाबले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के कार्य में भी सुधार आने का दावा किया है।
जमकर चल रही सियासत
बता दें कि यमुना प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी और दिल्ली भाजपा के बीच जमकर सियासत चल रही है। इस बार जहां आम आदमी पार्टी बतौर विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रही है, वहीं पिछले साल आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में थी, जबकि बीजेपी विपक्ष में थी। उस वक्त छठ पूजा के दौरान दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यमुना में डूबकी लगाई थी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल ने 2020 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि 2025 के चुनावों से पहले यमुना पूरी तरह से साफ हो जाएगी। वे यमुना में डूबकी भी लगाएंगे। लेकिन वे नहीं आए। वीरेंद्र सचदेवा ने यह आरोप लगाते हुए स्वयं यमुना में डुबकी लगाई थी, जिसके बाद उन्हें सांस लेने और खुजली की शिकायत आई थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।
