अजब-गजब: 'पड़ोसी को पीटने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं', चंडीगढ़ के वकील ने मांगी यह इजाजत

चंडीगढ़ के एडवोकेट (घेरे में) ने अपनी थार पर स्क्रैच लगाने के लिए पड़ोसी को पीटने की मांगी अनुमति।
चंडीगढ़ के एक वकील ने अपने पड़ोसी को पीटने के लिए प्रशासन और पुलिस से अनुमति मांगी है। वकील का कहना है कि उनके पास अपने पड़ोसी को पीटने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है। आगे कहा कि चूंकि जिम्मेदार नागरिक हूं, इसलिए अनुमति मांग रहा हूं। खास बात है कि वकील ने यह अनोखी एप्लीकेशन की प्रति पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, गृह सचिव, डीजीपी, एसएसपी और बार काउंसिल चेयरमैन को भी भेजी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंडीगढ़ के सेक्टर-44 निवासी एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह रावत ने अपनी अर्जी में बताया कि उसके पास 24 लाख की THAR ROXX है। उन्होंने पाया कि उनकी नई थार के बोनट पर स्क्रैच के निशान हैं। जब सीसीटीवी देखा तो पाया कि पड़ोसी उनकी कार के बोनट पर स्क्रैच डाल रहा है। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त को जाकर पुलिस के पास जाकर शिकायत दी। उन्होंने कहा कि आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक परेशानी
वकील धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि कार को ठीक कराने में लगभग एक लाख रुपये का खर्चा आया। एक तरफ जहां आर्थिक नुकसान झेला, वहीं पुलिस कार्रवाई न होने के कारण मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ी। वकील ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 35 का हवाला देकर पड़ोसी को पीटने की अनुमति देने की इजाजत मांगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पड़ोसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए पड़ोसी को पीटने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचा। एक जिम्मेदार नागरिक हूं, इसलिए उसकी पिटाई करने के लिए पुलिस और प्रशासन से अनुमति मांग रहा हूं।
मेरे आग्रह को गलत न समझा जाए
उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता बीएनएस (BNS) 2023 की धारा 35(b) नागरिकों को अपने शरीर और संपत्ति की रक्षा का अधिकार देती है। चूंकि पुलिस ने एक्शन नहीं लिया तो मुझे इस धारा के तहत आरोपी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारने या सजा देने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी की पिटाई करने से पहले पुलिस, उच्चाधिकारियों और मीडिया को सूचना देंगे, ताकि उनके इस कदम को गलत न समझा जाए।
पुलिस ने कहा- मामले की जांच करेंगे
मीडिया ने जब इस बारे में संबंधित थाना पुलिस से बात की तो इस तरह की अर्जी मिलने का इनकार कर दिया। हालांकि अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस मामले की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, इस मामले के सामने आने से बहस छिड़ गई है कि पुलिस अगर कार्रवाई नहीं करती तो क्या पीड़ित स्वयं आरोपी को सजा दे सकता है। कानून के जानकारों के हवाले से कहा जा रहा है कि बीएनएस में आत्मरक्षा की सीमा केवल तत्कालिक खतरे की स्थिति तक सीमित है। इसका उपयोग बदले की कार्रवाई में नहीं हो सकता है।
