Dust In Delhi-NCR: अब दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर नहीं उड़ेगी धूल, सड़क-फुटपाथ बनेंगे पक्के और हरे भरे

दिल्ली-NCR की सड़कों पर उड़ती धूल को खत्म करने का प्लान
Dust Pollution In Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर के शहरों के लिए वायु प्रदूषण एक बड़ा खतरा बना हुआ है। यहां की सड़कों पर अक्सर धूल उड़ती हुई दिखाई देती है। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है और हवा भी खराब होती है। इससे निपटने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने योजना बनाई है।
CAQM ने CSIR सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट और स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) नई दिल्ली के साथ MOU साइन किया है। इसके तहत दिल्ली-NCR के शहरों में सड़कों की हालत में सुधार किया जाएगा। इसका मकसद है कि दिल्ली-NCR की सड़कों पर उड़ने वाली धूल को खत्म किया जाए।
फुटपाथ बदलने के साथ ग्रीनरी होंगी सड़कें
इस MOU के तहत दिल्ली-एनसीआर के शहरों में धूल प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों के पुनर्विकास के लिए स्टैंडर्ड के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया जाएगा। इसके तहत मुख्य रूप से रास्तों और फुटपाथों को पक्का किया जाएगा। इसके अलावा सड़क-फुटपाथ को ग्रीनरी बनाने का भी काम किया जाएगा। CAQM के समझौते के तहत एक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग बनाया जाएगा, जो NCR के शहरों में सड़कों के डेवलपमेंट और रिडेवलपमेंट के लिए मानक इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू करने की देखरेख करेगा।
इन शहरों से होगी शुरुआत
CAQM ने पहले फेज के लिए दिल्ली के अलावा NCR के 8 शहरों को चुना है। इसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी और नीमराना को चुना है। इस योजना के लिए एक डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जो विशिष्ट सड़क परियोजनाओं की डेटा ट्रैकिंग और निगरानी सुनिश्चित करेगा। शहरों में सड़कों पर उड़ती धूल को कम करने के लिए कई तरह के समाधान किए जा सकते हैं। इनमें साइंटिफिक डिजाइन से लेकर ग्रीनरी और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
ये काम किए जाएंगे
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर धूल को कम करने के लिए कई काम किए जाएंगे। इसमें अलग-अलग सड़कों और राइट-ऑफ-वे (मार्ग अधिकार) के लिए क्रॉस सेक्शन डिजाइन तैयार किए जाएंगे। साथ ही राइट-ऑफ-वे के भीतर आने वाले सड़क पर ग्रीनरी के जरिए धूल खत्म किया जाएगा। इसके अलावा सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाया जाएगा। सड़क के रखरखाव के लिए वेब-GIS-बेस्ड रोड मैनेजमेंट सिस्टम लगाए जाएंगे।