Chandigarh Bulldozer Action: चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट पर चला बुलडोजर, 40 साल से चल रहा था धंधा

चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट पर चला बुलडोजर
चंडीगढ़ की 40 साल पुरानी फर्नीचर मार्केट पर बुलडोजर चल गया है। यह मार्केट सेक्टर-53 और 54 में करीब 15 एकड़ कृषि भूमि पर फैली थी। दुकान मालिकों ने विरोध भी करना चाहा, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के चलते एक नहीं चली। दुकानदारों ने मुआवजा राशि देने की भी मांग की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। अधिक नुकसान न हो, इसके लिए शुक्रवार से ही इन व्यापारियों ने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया था। इसके चलते प्रशासन को अब अधिक विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
मीडिया से बातचीत में एक अधिकारी ने बताया कि सेक्टर-53 और 54 में करीब 15 एकड़ पर यह फर्नीचर मार्केट फैली है। यह मार्केट 1985 से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि इस जमीन को 2002 में अधिगृहीत कर मूल जमीन मालिकों को मुआवजा राशि दी जा चुकी थी। ऐसे में फर्नीचर मार्केट की ओर से मुआवजे राशि की मांग उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में दुकानदारों ने विरोध करना चाहा, लेकिन अब बिना किसी परेशानी के कार्रवाई चल रही है।
#WATCH चंडीगढ़: सेक्टर 53 और 54 में एक अनधिकृत फ़र्नीचर बाज़ार को स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में ध्वस्त किया जा रहा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2025
1985 से संचालित इस अनधिकृत बाज़ार में 116 दुकानें हैं और यह सेक्टर 53 और 54 में लगभग 15 एकड़ कृषि भूमि पर फैला हुआ है। pic.twitter.com/srKyNmQ9wH
भारी पुलिस बल मौके पर तैनात
चंडीगढ़ के डीसी निशांत कुमार यादव ने पुलिस, नगर निगम, फायर डिपार्टमेंट और हेल्थ डिपार्टमेंट के अलावा अन्य संबंधित विभागों को मौके पर तैनात करने का आदेश दिया। इसके अलावा एसडीएम को निर्देश दिए कि मार्केट को ढहाने की कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का असामाजिक तत्वों की ओर से उपद्रव नहीं होना चाहिए। बताया जा रहा है कि 1000 जवानों को भी मौके पर तैनात किया गया। दोनों तरफ से रोड ब्लॉक कर दिए गए ताकि कोई बैरिकेडिंग तोड़कर आगे न निकल सके।
व्यापारियों में गुस्से के साथ निराशा
फर्नीचर व्यापारी जहां गुस्से में दिख रहे हैं, वहीं निराशा भी साफ झलक रही है। इन व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने सालों से यहां व्यापार किया, लेकिन अब सड़क पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने मुआवजा या वैकल्पिक जगह देने से साफ इनकार कर दिया है। कई व्यापारियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहे हैं।
