Battery Energy Storage System: दिल्ली में पावर कट से मिलेगी राहत, पीक डिमांड में भी नहीं कटेगी बिजली; जानें कैसे

मंत्री आशीष सूद ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम का उद्घाटन किया
Battery Energy Storage System: साउथ दिल्ली में आश्रम के पास किलोकरी में देश का पहला सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) बनाया गया है। गुरुवार यानी 29 मई को दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने इसका उद्घाटन किया। इस स्टैंड-एलोन बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से आसपास के इलाकों में बिना किसी रुकावट के बिजली सप्लाई की जा सकती है।
इसकी खास बात यह है कि बिजली जाने के बाद भी इलाके में बिजली सप्लाई जारी रहेगी। मंत्री आशीष सूद ने कहा कि जल्द ही वेस्ट दिल्ली में भी इस तरह की पहल की जाएगी, जहां पर बिजली सप्लाई इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर है।
रोजाना 4 घंटे कर बिजली सप्लाई करने की क्षमता
देश का पहला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम साउथ दिल्ली में BRPL के 33/11 KV किलोकरी सबस्टेशन में स्थापित किया गया है। यह सिस्टम BSES राजधानी पावर लिमिटेड की ओर से तैयार किया गया है। इसकी क्षमता 20 -40 मेगावाट प्रति घंटा है, जो रोजाना 4 घंटे तक एक लाख लोगों तक बिजली की सप्लाई खुद के दम पर कर सकता है।
इससे गर्मियों के समय में बिजली की पीक पावर डिमांड को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही बिजली नेटवर्क पर भी कम दबाव पड़ेगा। इसके अलावा जहां एक तरफ उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली सप्लाई मिलेगी, वहीं दूसरी ओर ग्रिड की स्थिरता और मजबूती बढ़ेगी।
कैसा चार्ज होगा BSES?
दिल्ली किलोकरी सबस्टेशन में स्थापित बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) देश का नहीं, बल्कि साउथ एशिया का सबसे बड़ा यूटिलिटी-स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम है। इस स्टोरेज सिस्टम में 12 मॉडर्न लिक्विड-कूल्ड कंटेनर हैं, जोल इसे चार्ज करेंगे। बिजली कंपनी के मुताबिक, यह सिस्टम बिजली की मांग कम होने पर लिक्विड कूल्ड कंटेनर्स को ग्रिड की बिजली से चार्ज किया जाएगा।
वहीं, डिमांड बढ़ने पर बिजली वापस ग्रिड में चली जाएगी, जहां से उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी। यानी की जब भी इलाके में मेन पावर सप्लाई बाधित होगी, तो यह एनर्जी स्टोरेज सिस्टम एक बैकअप के तरह काम करेगा। इससे लगातार बिना किसी रुकावट के लोगों के घरों में बिजली की सप्लाई होती रहेगी।
