Delhi Government Hospitals: सरकारी अस्पतालों पर सियासत में घमासान, आमने-सामने सचदेवा और भारद्वाज

Saurabh Bharadwaj vs Virendra Sachdeva
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सौरभ भारद्वाज और वीरेंद्र सचदेवा।

Delhi Government Hospitals: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को लेकर सियासत में घमासान मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी की सरकार राज्य के सरकारी अस्पतालों का निजीकरण कराना चाहती है, तो वहीं बीजेपी ने इसे खारिज करते हुए उस पर आरोप लगाया है।

Delhi Government Hospitals: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के हालात किसी से छिपे नहीं है। अस्पतालों के हालात काफी खराब हैं। हालांकि दिल्ली में बीजेपी की सरकार आने के बाद से अस्पतालों की व्यवस्था ठीक करने के प्रयास हो रहे हैं। इस मुद्दे पर चुनाव के पहले से लेकर अब तक खींचतान देखने को मिल रही है। वहीं अब आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि वे राज्य के सरकारी अस्पतालों का निजीकरण कराना चाहती है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली के लोगों को इलाज कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। साथ ही दवाएं खरीदने के लिए भी अपनी जेब हल्की करनी पड़ रही है। इस दौरान उन्होंने अरविंद केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मॉडल की सराहना करते हुए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार इस स्वास्थ्य मॉडल को धराशायी करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार बने 8 महीने हो चुके हैं और इन 8 महीनों में हालात और खराब हो चुके हैं।

उनके इस बयान के बाद दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया है कि वे दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। सचदेवा ने कहा कि सौरभ भारद्वाज न भूलें कि जब वे खुद स्वास्थ्य मंत्री थे, उस दौरान अस्पतालों में न केवल मशीन खरीद घोटाले हुए, बल्कि मोहल्ला क्लीनिकों में एक ही नंबर से सैकड़ों मरीज रजिस्ट्रेशन किए गए। इतना ही नहीं टेस्ट घोटाले हुए और नकली दवाएं तक बांटी गईं।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पर निजीकरण का भ्रमात्मक आरोप लगाने से पहले सौरभ भारद्वाज बताएं कि क्या अरविंद केजरीवाल सरकार ने सरकारी अस्पतालों में पैथ टेस्ट एवं एक्स-रे से एम.आर.आई. तक सुविधाएं ठप नहीं कर दी थीं? इसके बाद इनका निजीकरण कर किक बैक की लूट का खेल रचा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता बखूबी जानती है कि सौरभ भारद्वाज एवं उनकी सरकार पर अस्पताल निर्माण घोटाले जांच भी चल रही है। उन्होंने कहा कि सौरभ भारद्वाज के सचिव डॉ. आर.एन. दास एक बिना लाइसेंस वाले ऐसे निजी अस्पताल के संरक्षक बने थे, जिसमें आग लग गई थी और इस दौरान 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी।

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