Flood in Punjab: 'तो जून से ही शुरू हो जाती तबाही', पंजाब में बाढ़ पर BBMB का चौंकाने वाला दावा

बीबीएमबी की पंजाब में बाढ़ को लेकर चौंकाने वाला खुलासा।
पंजाब में बाढ़ की वजह से लोगों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही। लोगों को न तो खाने पीने की चीजें मिल पा रही हैं और न ही चिकित्सा सुविधाएं। चिंताजनक बात यह है कि आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड यानी बीबीएमबी की ओर से आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।
बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार ब्यास दरिया में इतना ज्यादा पानी आया है। उन्होंने बताया कि 2023 में भी बाढ़ की स्थिति बनी थी। इस बार 2023 के मुकाबले 20 फीसद ज्यादा पानी आया है।
उन्होंने कहा कि संबंधित एजेंसियों की ओर से बताया गया है कि अभी खतरे की बात नहीं है। हमें डरना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे बांधों की क्षमता से ज्यादा पानी आने लगे तो पानी को छोड़ना पड़ता है। इन पानी को दोनों बांधों के लिए स्थापित जलाशय नियमों के अनुसार नियंत्रित किया जा रहा है। हम राज्य, केंद्र सरकार, केंद्रीय जल आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों को शामिल करते हुए सभी कार्यों का उचित समन्वय करते हैं।
तो जून से ही आती तबाही
बीबीएमबी अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी को समझना होगा कि पानी को बचाने की आवश्यकता नहीं है। आईएमडी ने 13 अप्रैल को भविष्यवाणी कर दी थी कि इस बार मानसून की अच्छी बारिश होगी। अगर बांध नहीं होते तो जून महीने से ही तबाही की शुरुआत हो जाती। बांध पानी का भंडारण कर नियंत्रित करते हैं, लेकिन डबल पानी आ जाए तो आधा ही बांध में स्टोरेज किया जा सकता है, जबकि बाकी को छोड़ना पड़ेगा। सुबह 6 बजे और शाम को 7 बजे जब भी पानी छोड़ते हैं, तो हम राज्यों समेत सभी एजेंसियों को नोटिस जारी कर देते हैं।
बांधों की सुरक्षा पर भी ध्यान जरूरी
उन्होंने कहा कि बांध की सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है। पौंग बांध से पानी को नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा रहा है। चूंकि पंजाब में बहुत ज्यादा पानी आ गया है, लिहाजा लगातार बैठकें कर स्थिति से निपटने पर विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन भविष्य में हमें इस थ्योरी को ध्यान में रखना होगा कि अगर मानसून में अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी जारी होती है तो हमें बांधों में पानी को सहजकर रखने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
