Atishi: आतिशी ने फीस नियंत्रण बिल की बताई खामियां, कहा- प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचा रही सरकार

Atishi targeted BJP Government on Private School Fees Hike Bill
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निजी स्कूल फीस वृद्धि बिल पर आतिशी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा

Atishi: नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली की बीजेपी सरकार द्वारा लाए जा रहे प्राइवेट स्कूल फीस नियंत्रण बिल को फर्जी बताया है। उन्होंने दिल्ली सरकार से बिल में कुछ बदलाव करने की मांग की है।

Atishi: दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस नियंत्रित के लिए विधानसभा में बिल पेश किया। सरकार का कहना है कि इस बिल के पास होने से दिल्ली के प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। हालांकि अगर वो नियमों के विरुद्ध जाकर फीस बढ़ाते हैं, तो उन्हें उसके लिए खामियाजा भुगतना पड़ेगा और लाखों का जुर्माना भरना पड़ेगा। हालांकि दिल्ली सरकार के इस बिल को आम आदमी पार्टी ने फर्जी बताया है। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने इस बिल को लेकर आपत्तियां जताई हैं। उन्होंने इस बिल का मकसद सिर्फ निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाना बताया है।

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि बीजेपी सरकार ये स्कूल फीस बिल बिना अभिभावकों की राय और बिना पारदर्शिता के सिर्फ प्राइवेट स्कूलों की कमाई बढ़ाने के लिए ला रही है। आम आदमी पार्टी चाहती है कि इस बिल को दिल्ली के बच्चों और उनके अभिभावकों के हक में बनाया जाए।

वर्तमान बिल को लेकर आतिशी ने कहा कि ये बिल फिलहाल जिस रूप में है, उसका मकसद प्राइवेट स्कूल को फायदा पहुंचाना है। आम आदमी पार्टी ने दो मांगें कीं। इसमें पहली मांग में आतिशी ने कहा कि स्कूल फीस बिल को विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए, ताकि इस बिल के फायदे और नुकसान के बारे में अभिभावकों, छात्रों और विशेषज्ञों से राय ली जा सके। दूसरी मांग में आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया कि सभी स्कूलों की फीस 2024-25 के स्तर पर स्थिर की जाए, ताकि भविष्य में कोई स्कूल मनमानी न कर सके।

आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में जो बिल पेश किया गया है। जो बिल दो दिन पहले ही विधायकों को दिया गया है। इसका नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस बिल 2025 है। ये बिल सिर्फ और सिर्फ इसलिए लाया जा रहा है, ताकि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाई जा सके। ये बिल प्राइवेट स्कूल के मालिकों कि हित के लिए बना है।

उन्होंने कहा कि साल 2025-26 में प्राइवेट स्कूलों ने बेधड़क फीस बढ़ाई, उस फीस को कंट्रोल करने का बिल में कोई प्रावधान नहीं है। इस बिल में साफ लिखा है कि 15 जुलाई तक लेटेस्ट कमेटी बनानी होगी। ये आज 4 अगस्त को पेश हो रहा है। इस बिल पर बहस की जाएगी और फिर इसे पास किया जाएगा। अगर ये गजट में आएगा, तो जो तारीख लेटेस्ट कमेटी बनाने के लिए तय की गई है, वो पहले ही पास हो जाएगी। फिर कहा जाएगा कि इस साल की तारीख तो पहले ही पास हो जाएगी और अब इसे अगले साल देखेंगे। इसका साफ मतलब है कि इस साल जो बेतहाशा फीस बढ़ाई गई है, उस पर कोई लगाम नहीं लगेगी।

आतिशी ने आगे कहा कि इस 13 पन्ने के बिल में कहीं पर बी प्राइवेट स्कूल के खातों की ऑडिट कराने का प्रावधान नहीं है। इस तरह तो प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा सकते हैं और कह सकते हैं कि उन्होंने अलग-अलग चीजों पर खर्च किया लेकिन किसी को पता भी नहीं चलेगा कि उन्होंने किस पर खर्च किया।

उन्होंने बात को खत्म करने से पहले ये सवाल भी उठाया कि सवाल ये भी है कि आखिर स्कूल फीस बढ़ाने वाली कमेटी की अध्यक्षता कौन करेगा? इससे साफ है कि प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट ही अध्यक्षता करेगी। वही मैनेजमेंट जिसके खिलाफ अभिभावक 40 डिग्री की गर्मी में सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं।

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