Amitabh Bachchan House: दिल्ली की इस जगह पर था अमिताभ बच्चन का पहला घर, 1966 में बना था 'सोपान'

दिल्ली में अमिताभ बच्चन का पहला घर सोपान
Amitabh Bachchan House: क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में भी अमिताभ बच्चन का घर हुआ करता था। अमिताभ बच्चन का बचपन भी यहीं बीता था। कहा जाता है कि जब अमिताभ बच्चन की फिल्म आई थी, तब उनके पिता हरिवंशराय बच्चन ने कैसेट्स लेकर अपने दोस्तों को भी दी थी। इस घर और इस जगह से अमिताभ बच्चन की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं इस घर के बारे में...
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में तत्कालीन सरकार ने एक योजना के तहत पत्रकारों के लिए आवासीय कॉलोनी बनाने की शुरुआत की थी, जिसका नाम गुलमोहर पार्क सोसायटी रखा गया था। इस कॉलोनी के अंदर ही गैर-पत्रकार होते हुए भी हरिवंशराय बच्चन की पत्नी तेजी बच्चन को यहां घर बनाने के लिए नेहरु गांधी ने इजाजत दिलवाई थी। ये घर बच्चन खानदान का पहला घर था, जिसका नाम 'सोपान' रखा गया।
प्रधानमंत्री की पैरवी पर दिया गया था प्लॉट
ये बात है 1960 के दशक की, जब देश की राजधानी दिल्ली में पत्रकार अपनी एक अलग कॉलोनी बसाना चाहते थे। इसके लिए उन्होने सरकार से एक प्लॉट की मांग की, सरकार ने उनकी मांग पूरी कर अपना वादा निभाया। उस समय पत्रकारों की प्रस्तावित गुलमोहर पार्क हाउसिंग सोसाइटी बनाई गई। इस सेसाइटी में दिल्ली के हाउसिंग कमिश्नर के.एल.राठी ने गैर पत्रकार तेजी बच्चन को भी जगह दिलाई। ऐसा करने के लिए उनसे तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू गांधी ने कहा था। लेकिन नेहरू गांधी की मृत्यु के दो साल बाद 1966 में इस सोसाइटी को जमीन मिली थी।
केदार की किताब में बच्चन परिवार के अनसुने किस्से
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक केदार नाथ गुप्ता ने अपनी किताब Ink, Saffron and Freedom में गुलमोहर सोसाइटी की कुछ बातें साझा की हैं। वे 1960 के दौरान उस सोसाइटी के सचिव थे और उनका गुलमोहर पार्क बनाने में अहम योगदान रहा था। उनका कहना है कि तेजी बच्चन एक बड़े उदार दिल की महिला थीं। उन्होंने अपने बेटे अमिताभ बच्चन की कुली फिल्म के प्रीमियर से कमाई रकम का एक बड़ा हिस्सा दान कर दिया था। इस पैसे का इस्तेमाल गुलमोहर पार्क कम्युनिटी सेंटर के निर्माण में किया गया था।
हाल ही में बेच दिया गया घर
गुलमोहर पार्क में बच्चन परिवार का पहला घर बनकर तैयार हुआ था, जिसका नाम सोपान रखा गया। इसे हरिवंश राय बच्चन और उनकी पत्नि तेजा बच्चन ने खड़े होकर बनवाया था। केदार का कहना है कि हरिवंश राय बच्चन शाम को गुलमोहर पार्क क्लब में मित्रों के साथ बैठक के लिए जरूर आते थे। सोपान की दिवाली गुलमोहर पार्क में मशहूर हुआ करती थी। एक बार तो अनार जलाते हुए अमिताभ बच्चन के हाथ भी जल गए थे। हरिवंश राय बच्चन कोशिश करते थे कि अमिताभ की हर फिल्म उनके मित्र देख लें, जिसके लिए वो उनको फिल्में के कैसेट भी बांटते थे। कुछ समय पहले बच्चन परिवार ने अपने घर 'सोपान' को बेच दिया था।
