AIIMS New Research: एम्स ने 6 से 19 साल के बच्चों पर की रिसर्च, नतीजे चौंकाने वाले

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DELHI AIIMS: एम्स द्वारा किए गए हालिया अध्ययन ने इस सच्चाई को उजागर किया है, जिसमें 6 से 19 साल की उम्र के बच्चे कार्डियो-मेटाबोलिक सिंड्रोम का शिकार बन रहे हैं। जानिए क्या है डॉक्टरों की सलाह?

DELHI AIIMS: दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सेहत को लेकर हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा एक शोध ने चिंताजनक स्थिति को उजागर किया है। इस अध्ययन में 6 से 19 साल की उम्र के 3,888 बच्चों को शामिल किया गया, जिनमें 1,985 सरकारी और 1,903 निजी स्कूलों के थे। शोध का उद्देश्य बच्चों की जीवनशैली और स्वास्थ्य समस्याओं को समझना था।

बच्चे हो रहे कार्डियो-मेटाबोलिक का शिकार

शोध में पता चला कि कार्डियो-मेटाबोलिक बीमारियां जैसे हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज, अब केवल वयस्कों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बच्चों में भी दिखाई दे रही हैं, जिसमें एक-तिहाई बच्चों में यह समस्या पाई गई है। इस समस्या का नाम डिस्लिपिडेमिया है। इससे बच्चों के खून में कोलेस्ट्रॉल और फैट का स्तर असामान्य हो जाता है, लगभग 15 फीसद युवकों को की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इनमें ऐसे भी युवा हैं, जिनमें ब्लड शुगर 100 mg से अधिक था। यह हमारी जान को जोखिम में डाल सकता है, जो प्री-डायबिटीज की स्थिति को दर्शाता है। यह भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का संकेत है।

अन्य बीमारियों का भी बढ़ रहा खतरा

इस तरह की समस्या ज्यादातर निजी स्कूलों के बच्चों में देखी गई है, जिनमें 6 से 19 साल तक के बच्चों को मोटापा और ब्लड शुगर की समस्या अधिक है। AIIMS ने यह आंकडा निर्धारित किया है, जिसमें बच्चे को सबसे ज्यादा समस्या अधिक वजन और मोटापे की है, सरकारी स्कूलों में भी यह देखा गया है और निजी स्कूलों में करीब 16.77 फीसद बच्चों में कमर का मोटापा भी पाया गया है, जो एक गंभीर समस्या है। मोटापा हमारे शरीर में और भी बीमारियां पैदा कर सकता है। यह शोध बताता है कि बच्चों की सेहत पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इन्हें गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।

डॉक्टरों की चेतावनी और सलाह

AIIMS के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि बच्चों की बिगड़ती दिनचर्या और फास्ट फूड की आदत और कम खाने के लिए, इसी के साथ शारीरिक गतिविधियां न होना इसकी मुख्य वजह हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को हेल्दी डाइट और रोजाना एक्सरसाइज की जरूरत है। माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों को जंक फूड और मीठे से दूर रखे और खेलने-कूदने के लिए प्रेरित करें।

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