Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी 'शंकर' की मौत, अकेलापन बना वजह!

Delhi Zoos only African elephant Shankar dies
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दिल्ली चिड़ियाघर के एकमात्र अफ्रीकी हाथी 'शंकर' की मौत।

Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर में एकमात्र अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत हो गई। चिड़ियाघर में उसे कई सालों से अकेले रखा गया था, जिसके कारण वह तनाव और अकेलेपन का शिकार हो गया।

African Elephant Shankar Died: दिल्ली के चिड़ियाघर में बुधवार रात को एकमात्र अफ्रीकी हाथी 'शंकर' की मौत हो गई। अफ्रीकी हाथी की मौत का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। इसके लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। शंकर दिल्ली चिड़ियाघर में अकेला अफ्रीकी हाथी था। साल 1996 में जिम्बाब्वे ने 'शंकर' को भारत को उपहार के तौर पर दिया था। इसके बाद साल 1998 में उसे दिल्ली के चिड़ियाघर में रखा गया था।

दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर संजीत कुमार ने बताया कि शंकर (अफ्रीकी हाथी) की मौत की वजह जानने के लिए गहनता से जांच की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि शंकर कुछ दिन पहले से ठीक से खाना नहीं खा रहा था।

प्रशासन की लापरवाही का शिकार

बताया जा रहा है कि चिड़ियाघर प्रशासन की लापरवाही के वजह से शंकर को अपनी जान गंवानी पड़ी। शंकर वही हाथी है, जिसे कुछ समय पहले चिड़ियाघर प्रशासन ने जंजीरों में बांधा हुआ था, जिसकी वजह से उसके पैर में जंजीर घुस गई थी। इस मामले के सामने आने के बाद चिड़ियाघर और एक्वेरियम के वैश्विक संघ (वाजा) ने अक्टूबर, 2024 में दिल्ली चिड़ियाघर की सदस्यता 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दी थी।

शंकर को चिड़ियाघर के 13 नंबर बाड़े में अकेले रखा गया था। साल 2012 से ही शंकर को एशियाई हाथियों से अलग कर दिया गया था। आरोप है कि शंकर की मौत चिड़ियाघर प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई है। बता दें कि आमतौर पर हाथी की उम्र 70 साल होती है, लेकिन शंकर ने लगभग 30 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया।

1998 में दिल्ली आया था शंकर

बता दें कि शंकर को साल 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को जिम्बाब्वे की ओर से उपहार में दिया गया था। वहां से लंबा सफर तय करके शंकर को 1998 में दिल्ली लाया गया था। उसके साथी बंबई को भी दिल्ली लाया गया था। हालांकि 2001 में शंकर की साथी बंबई को मौत हो गई, जिसके कारण शंकर अकेला रह गया। बताया जा रहा है कि अकेलेपन की वजह से शंकर का व्यवहार आक्रामक होता जा रहा था। इसके कारण शंकर ने कुछ दिनों से खाना-पीना भी बंद कर दिया था।

हाईकोर्ट ने दिया था साथी ढूंढने का आदेश

बता दें कि शंकर को आजाद कराने के लिए वन्य जीव प्रेमियों की ओर से कड़े प्रयास किए गए। साल 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली चिड़ियाघर को दूसरा साथी हाथी लाने का आदेश दिया था, जिससे शंकर का अकेलापन दूर हो सके। इसके बाद दिल्ली चिड़ियाघर प्रशासन ने दूसरा अफ्रीकी हाथी लाने की योजना बनाई थी, लेकिन उसमें लगातार देरी होती रही। इसके चलते अकेलेपन ने शंकर की जिंदगी छीन ली।

जानकारों का मानना है कि जानवर भी कभी-कभी सुसाइड कर सकते हैं। ऐसे समय पर वे आक्रामक व्यवहार दिखाते हैं। इसके अलावा पक्षियों में पंख नोचना या कुत्तों और बिल्लियों में अत्यधिक चाटना, अक्सर तनाव या अपने से बिछड़ने के संकेत होते हैं।

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