AAP vs BJP: दिल्ली के स्कूलों में कंप्यूटर लैब पर सियासत, सौरभ भारद्वाज ने किया पलटवार

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज।
Delhi Politics: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब पर सियासी जंग शुरू हो गई है। हाल में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने आरोप लगाया कि दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार की वजह से सरकारी स्कूलों में रखे कंप्यूटर खराब हैं। अब इसको लेकर 'आप' ने बीजेपी पर पलटवार किया है।
'आप' के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मंत्री आशीष सूद झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की साजिश है। बता दें कि बीजेपी ने आरोप लगाया है दिल्ली की पिछली सरकार द्वारा स्कूलों में लगवाए गए कंप्यूटर लैब खराब पड़े हैं। इसको लेकर आप और बीजेपी में तकरार जारी है।
सौरभ भारद्वाज ने दिखाया वीडियो
'आप' नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी सरकार के सभी आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने दावा किया कि 'आप' सरकार ने शानदार स्कूल बनवाए और कंप्यूटर लैब्स भी लगवाए थे। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसके पीछे बीजेपी सरकार की बड़ी साजिश है। उन्होंने दावा किया कि सरकार सभी कंप्यूटर लैब को खराब बताकर नए कंप्यूटर खरीदना चाहती है, जिसमें भ्रष्टाचार किया जा सके। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कई वीडियो भी दिखाए जो कई साल पुराने हैं। इन वीडियोज में मनीष सिसोदिया सरकारी स्कूलों में जाकर कंप्यूटर लैब में बच्चों से बात करते दिखाई दे रहे हैं।
दिल्ली की विपदा सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद के झूठ को @Saurabh_MLAgk जी ने किया Expose👇
— AAP (@AamAadmiParty) July 27, 2025
♦️ बीजेपी सरकार के शिक्षा मंत्री ने झूठ बोलते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों के सभी कंप्यूटर लैब खराब हैं
♦️ BJP सरकार और मंत्री जी की इसके पीछे बहुत बड़ी साज़िश है। सरकार सभी कंप्यूटर लैब… pic.twitter.com/pFLs2ae5Gn
'भ्रष्टाचार करना चाहती है बीजेपी सरकार'
सौरभ भारद्वाज ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद झूठ बोल रहे हैं। आप नेता ने एक वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने सरकारी स्कूल में जाकर मंत्री के झूठ का पर्दाफाश कर दिया।
उन्होंने दावा किया कि ऐसे बयान सिर्फ दो ही कारणों से दिए जा सकते हैं। इसमें पहला कारण हो सकता है पिछली सरकार को बदनाम करना। इसके अलावा दूसरा कारण हो सकता है भ्रष्टाचार की योजना तैयार करना।
