Ghaziabad road accident: गाजियाबाद सड़क हादसे में 3 मासूमों की गई जान, भारी पड़ी लापरवाही

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Ghaziabad road accident: गाजियाबाद में मंगलवार को देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। यह हादसा NH-9 पर हुआ था। वहां एक दुर्घटना में 3 नाबालिगों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, बाइक चलाने वाले लड़के की उम्र 12 साल थी। इसके अलावा बाइक पर उसके दो दोस्त बैठे थे। इस दौरान तेज रफ्तार में चल रही बाइक सड़क किनारे ट्रक में जाकर टकरा गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि तीनों की मौके पर मौत हो गई।
अभिभावकों की लापरवाही
यह हादसा अपने साथ एक सवाल छोड़ गया, जिस पर सभी को विचार करना चाहिए। सवाल है कि इन नाबालिगों को चाबी किसने दी क्योंकि कानूनन तो वाहन चलाने की उम्र 18 साल निर्धारित की गई है। इस हादसे में मरने वाले नाबालिग बच्चों से ज्यादा बड़ी लापरवाही अभिभावकों की है। क्योंकि ऐसे हादसों का शिकार वो लोग भी हो जाते हैं, जो पूरी तरह से नियमों का पालन कर रहे हैं। सड़क सुरक्षा नियमों का पालन न करने का मतलब है, अपनी जान के साथ-साथ दूसरों की जान को भी खतरे में डालना। इस तरह नाबालिगों को वाहन देना दूसरों के लिए भी घातक है।
पिछले दो सालों में हुए ऐसे 100 ज्यादा केस
पुलिस के मुताबिक, 'यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले दो सालों में ऐसे 100 से भी ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं, जब नाबालिगों को वाहन चलाते हुए पकड़ा गया है। यह सब करने के बाद भी परिणाम वही रहता है। सड़कों से नाबालिगों के वाहन चलाने की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। इन सब चीजों के लिए प्रशासन के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। आपने अक्सर देखा होगा कि कोचिंग सेंटर और स्कूलों के आगे लोग अक्सर बिना हेलमेट के बाइक दौड़ाते हैं। ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के लोग समय-समय पर जागरूक करने वाले अभियानों को चलाते हैं लेकिन इसके साथ ही अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है क्योंकि उनके द्वारा दी गई अनुमति कहीं न कहीं ऐसे केस को बढ़ावा देने का काम करती है।'
