Delhi Classroom Scam: आज ACB के सामने पेश नहीं होंगे AAP नेता मनीष सिसोदिया, 2000 करोड़ के घोटाले से जुड़ा मामला

AAP leader Manish Sisodia will not appear before ACB
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ACB के सामने पेश नहीं होंगे AAP नेता मनीष सिसोदिया

Delhi Classroom Scam: AAP नेता मनीष सिसोदिया सोमवार को ACB की जांच में शामिल नहीं होंगे। उन्हें 2,000 करोड़ रुपए के क्लासरूम घोटाला में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

Delhi Classroom Scam: आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच में शामिल नहीं होंगे। ACB ने सिसोदिया को 2,000 करोड़ रुपए के क्लासरूम घोटाला में पूछताछ के लिए बुलाया था। इसी मामले में 6 जून को AAP के नेता सत्येंद्र जैन को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। ACB ने जैन से 5 घंटे से ज्यादा देर तक घोटाले को लेकर पूछताछ की। बता दें कि यह पूछताछ दिल्ली की पिछली सरकार के दौरान सरकारी स्कूलों में क्लासरूम निर्माण में 2 हजार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार में संबंध में की जा रही है।

सोमवार सुबह 11 बजे मनीष सिसोदिया को ACB ऑफिस बुलाया गया था। ACB अधिकारियों ने बताया कि सिसोदिया के वकील ने कॉल करके जानकारी दी कि वह अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। वकील ने बताया कि सिसोदिया मेल करके इसकी जानकारी देंगे कि वह जांच में शामिल क्यों नहीं हो पाए।

फिर से भेजा जाएगा नोटिस
ACB चीफ ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने अभी तक कोई मेल नहीं भेजा है। साथ ही उन्होंने जांच में शामिल न होने की वजह भी स्पष्ट नहीं की। अधिकारियों का कहना है कि जब वह अपना जवाब देंगे, तो उसके बाद उन्हें फिर से समन जारी किया जाएगा। साथ ही सत्येंद्र जैन को भी दोबारा से नोटिस भेजा जाएगा।

क्या है क्लासरूम घोटाला?
यह मामला दिल्ली में पिछली AAP सरकार के दौरान सरकारी स्कूलों में बने 12,748 क्लासरूम के निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। इस मामले में 30 अप्रैल को ACB ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया। बता दें कि उस समय सिसोदिया के पास वित्त और शिक्षा विभाग थे, जबकि सत्येंद्र जैन पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। इन नेताओं के ऊपर आरोप है कि हर क्लासरूम के निर्माण में 5 गुना ज्यादा भुगतान किया है।

जानकारी के मुताबिक, हर एक क्लासरूम के निर्माण की लागत 24.86 लाख रुपये थी, जबकि दिल्ली में इसी तरह के रूम का निर्माण करने के लिए लगभग 5 लाख रुपए लगते हैं। साथ ही उनके ऊपर यह भी आरोप है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े ज्यादातर ठेकेदार AAP से जुड़े थे।

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