Saket Court: नाबालिग लड़के की तेजाब पिलाकर हत्या, साकेत कोर्ट ने दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

Delhi Saket Court
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दिल्ली साकेत कोर्ट 

दिल्ली साकेत कोर्ट ने 2 आरोपियों को 17 साल के नाबालिग को तेजाब पिलाकर मारने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। जानिए क्या है पूरा मामला?

Delhi Saket Court: दिल्ली साकेत कोर्ट ने हत्या के आरोप में 2 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों ने साल 2017 में एक नाबालिग लड़के को जबरदस्ती तेजाब पिलाकर उसकी हत्या कर दी थी। वहीं मृतक की उम्र 17 साल थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे लोगो को इससे भी सख्त सजा मिलनी चाहिए क्योंकि इन दोनों ने बहुत ही घृणित, बेरहमी और शैतानी वाला काम किया है।

इस केस की सुनवाई एडिशनल सेशन जज शुनाली गुप्ता ने की थी। दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 326A के तहत दोषी ठहराया गया है। इस सेक्शन का इस्तेमाल ऐसे केसों में होता है, जहां तेजाब या फिर इससे भी ज्यादा खतरनाक चीजों के इस्तेमाल से आरोपी द्वारा गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश की जाती है।

18 महीने के बाद हुई मौत

इसके अलावा अदालत ने मृतक की मां को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि इस तरह के अपराधियों को किसी तरह की कोई नरमी नहीं मिलनी चाहिए। ताकि यह लोग इस केस से छूटने के बाद दोबारा इस तरह के बेरहमी वाले काम न कर सकें। वकील ने बताया कि इनके द्वारा चोट पहुंचाए गए पीड़ित की अस्पताल में 18 महीने इलाज चलने के बाद मौत हुई थी।

कोर्ट ने दोषियों की कड़ी निंदा की

अदालत ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पीड़ित को जबरदस्ती तेजाब पिलाना एक शैतानी सोच और बेहरमी वाला काम है। यह काम किसी की जिंदगी को पूरी तरह से अनदेखा करने जैसा है। अदालत ने आगे कहा कि आरोपियों ने ऐसा इसलिए किया ताकि पीड़ित को किसी भी स्थिति में बचाया ना जा सके। अदालत ने दोषियों के इस अपराध के लिए कड़ी निंदा की।

क्या थी IPC की धारा 326A?

जब कोई आरोपी किसी व्यक्ति को तेजाब या फिर उससे भी ज्यादा किसी खतरनाक चीजे का इस्तेमाल करके गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश करता है। तब ऐसी स्थिति में IPC की धारा 326A का इस्तेमाल होता था।

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