मूल निवासी दिवस पर आयाेजन: जिला प्रशासन ने शहीद वीरनारायण सिंह की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट में धूमधाम से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस
कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में धूमधाम से विश्व मूल निवासी दिवस मनाया गया। इस दौरान समाज के लोगों ने शहीद वीर नारायण सिंह जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में जिले के कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता समेत आदिवासी समाज के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र ध्रुवंशी ने बताया कि, विश्व मूलनिवासी दिवस आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है। यह घटना उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है जो मूलनिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।
दुनियाभर में मनाया जाता है विश्व मूल निवासी दिवस
पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था। 1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की मूलनिवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक हुई थी। इस दिन को भारत के आदिवासियों द्वारा धूम धाम से मनाया जाता है। मुख्यतः सामाजिक, संस्कृतिक राजनीति क,आर्थिक उत्थान के साथ स्वाभिमान की जिंदगी जीने के लिए ,दुनियाभर में अपनी पहचान को बरकरार रखने के लिए एक अच्छा प्रयास है! साथ ही आदिवासी समाज अपनी जल जंगल जमीन को संरक्षण के लिए संकल्पित है।

ये रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश ध्रुव, अध्यक्ष भूपेंद्र ध्रुवंशी कार्यकारिणी अध्यक्ष मोती लाल मण्डावी, उपाध्यक्ष भानू ध्रुव, कोषाध्यक्ष अभय ध्रुव, सचिव थानू ध्रुव, सहसचिव दशरत ध्रुव, सांस्कृतिक सचिवकेशव कुंजाम,युवा प्रभाग जिलाध्यक्ष संतोष ध्रुव,महिला प्रभाग जिलाध्यक्ष अंजू नेताम, जिला उपाध्यक्ष ज्योति ध्रुव, सचिव राधा ध्रुव,ब्लॉक अध्यक्ष पार्वती ध्रुव ,प्रेमीन ध्रुव,उपाध्यक्ष सुनीता ध्रुव, गीता ध्रुव,उपाध्यक्ष युवा अशोक ध्रुव, ब्लॉक अध्यक्ष रामायण ध्रुव, ब्लॉक अध्यक्ष डॉ बी एस ध्रुव, राकू छेदइया,संतोष ध्रुव, शिव मंगल सिंह ठाकुर,अनामिका ठाकुर, केशव कुंजाम,डॉ एल एस ध्रुव, ध्रुव चेतन ध्रुव,रामबगस ध्रुव, प्रेम शंकर ध्रुव, उपाध्यक्ष युवा प्रभाग रवि ध्रुव, कृष्णा ध्रुव, झाला राम ध्रुव, कल्याण भूपेंश ध्रुव, योगेश्वर ध्रुव,राकेश छेदइया, श्याम बाबू,गरीबा ध्रुव मौजूद रहे।
