सीएम साय ने निभाया एक और वादा: रेडी टू ईट बनाने का काम मिलने लगा प्रदेश की महिला स्व सहायता समूहों को

सीएम विष्णु देव साय
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सुशासन सरकार ने सौंपा स्व-सहायता समूह की महिलाओं 100 करोड़ रुपये

सीएम विष्णुदेव साय ने पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी को मूर्त रूप देते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार 'रेडी-टू-ईट' निर्माण का कार्य पुनः सौंपा है।

अमित गुप्ता- रायगढ़। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को मूर्त रूप देते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार 'रेडी-टू-ईट' निर्माण का कार्य पुनः सौंपा है। इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है। हाल ही में सीएम विष्णुदेव साय ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र प्रदान किए थे। इसके बाद मशीन इंस्टॉलेशन का कार्य तेजी से किया गया और अब रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया से 'रेडी-टू-ईट' उत्पादन का शुभारंभ हो चुका है।

सीएम श्री साय ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में 3 करोड़ 'लखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज गति से कार्य कर रहा है। रायगढ़ इस अभियान में अग्रणी जिला बना है।


प्रदेश के 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू
सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति के इस मिशन को प्रथम चरण में प्रदेश के 6 जिलों- बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ एवं सूरजपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ किया है। यह पहल महिलाओं की आर्थिक समृद्धि और बच्चों के स्वास्थ्य- दोनों को नई दिशा प्रदान करेगी।



मंत्री ओपी चौधरी ने कोतरलिया गांव में किया 'रेडी-टू-ईट' निर्माण इकाई का शुभारंभ
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने ग्राम कोतरलिया में 'रेडी-टू-ईट' निर्माण इकाई का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया और महिलाओं को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि रायगढ़ से प्रारंभ हुई यह पहल शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी और यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।

रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित
रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन सभी केंद्रों के लिए 10 महिला स्व-सहायता समूहों का चयन किया गया है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। रायगढ़ जिले की परियोजनाओं- रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू के अंतर्गत चयनित समूह जल्द ही "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ करेंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत कोतरलिया से हो चुकी है।


10 महिला समूहों को रेडी टू ईट निर्माण की दी गई जिम्मेदारी
रेडी टू ईट निर्माण का काम महिला समूहों को फिर से सौंपने की शासन की घोषणा के बाद जिले में इस दिशा में काम शुरू हो गया है। जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत अलग अलग ब्लॉकों की 10 महिला समूहों को रेडी टू ईट निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। महिला समूहों ने मशीन इंस्टॉल कर निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है। रायगढ़ जिले में कोतरलिया गांव की महिलाओं ने इस प्लांट की शुरुआत की। प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के हाथों प्लांट का उद्घाटन हुआ। खास बात यह है कि महज 20 दिनों के भीतर महिलाओं ने प्रक्रिया पूरी कर एक नई मिसाल कायम की है। फिलहाल जिले की डेढ़ सौ से अधिक महिलाएं इस योजना से लाभान्वित होगी।

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