गरीबों के लिए वरदान बनीं 'लक्ष्मी': आंगनबाड़ी को बनाया सेवा का माध्यम, देती हैं सस्ता और प्रभावी इलाज

Acupressure therapist and social worker
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एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट और समाज सेविका


विजय लक्ष्मी साहू, एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट और समाज सेविका, ने अपने समर्पण से गर्भवती महिलाओं और गरीब परिवारों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है, और एक सशक्त समाज बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

हेमंत वर्मा-धरसींवा। जब समाजिक बेड़ियां और घर की ज़िम्मेदारियां किसी महिला को उसके सपनों से दूर कर देती हैं, तब छत्तीसगढ़ की एक बेटी ने यह साबित किया कि अगर दृढ़ संकल्प और परिवार का साथ हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। यह कहानी है विजय लक्ष्मी साहू की, एक सामान्य गृहणी से एक प्रसिद्ध एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ बनने तक का सफर, जिन्होंने न केवल अपने जीवन को बदला, बल्कि हजारों-लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया।

विजय लक्ष्मी साहू ने एक्यूप्रेशर थेरेपी को अपना जुनून बना लिया और इसके माध्यम से गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए स्वास्थ्य क्रांति शुरू कर दी। आज वे आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क सेवा दे रही हैं और उनकी सलाह से महिलाओं को शारीरिक समस्याओं से राहत मिल रही है। इस अनूठी पहल से हजारों महिलाएं एक स्वस्थ गर्भावस्था का अनुभव कर रही हैं।


आंगनवाड़ी में निःशुल्क सेवा: गर्भवती महिलाओं के लिए 'संजीवनी'

विजय लक्ष्मी साहू इन दिनों आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए निःशुल्क एक्यूप्रेशर सेवा प्रदान कर रही हैं। उनका कहना है, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पीठ दर्द, सूजन और नींद न आने जैसी समस्याएं होती हैं, जिन्हें एक्यूप्रेशर के जरिए बिना दवाओं के हल किया जा सकता है। वे न केवल शारीरिक उपचार देती हैं, बल्कि आहार और पोषण के बारे में भी मार्गदर्शन करती हैं, ताकि महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर रहे और उनका गर्भावस्था का अनुभव सशक्त हो।


गरीब परिवारों के लिए 'वरदान': सस्ता, प्रभावी और दर्द-मुक्त जीवन

विजय लक्ष्मी का मुख्य उद्देश्य एक्यूप्रेशर को उन तक पहुँचाना है जो महंगे इलाज का खर्च नहीं उठा सकते। वे कहती हैं, महंगे इलाज के कारण गरीब परिवारों के लिए बीमारियों का इलाज एक वित्तीय बोझ बन जाता है, लेकिन एक्यूप्रेशर एक प्रभावी और सस्ती चिकित्सा पद्धति है जो किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव के बिना असरदार होती है।"

शिक्षा से समाज सेवा तक: एक गृहणी का असाधारण संकल्प
धरसींवा के परसतराई गांव में जन्मी विजय लक्ष्मी साहू की शिक्षा सारागांव के हायर सेकेंडरी स्कूल और डिग्री गर्ल्स कॉलेज में हुई थी। इसके बाद उन्होंने एम.एससी. होम साइंस और फूड एंड न्यूट्रिशन में डिप्लोमा किया। हालांकि, उनका वास्तविक जुनून स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति था, जिसके चलते उन्होंने एक्यूप्रेशर थेरेपी को अपनाया और पिछले तीन वर्षों से इसे लोगों तक पहुँचाने का कार्य किया। उनके जीवन में सबसे बड़ा सहारा उनके पति अतुल साहू हैं, जो हमेशा उन्हें प्रेरित करते हैं। इसके अलावा, उनके ससुर और सास ने भी उनका हर कदम पर समर्थन किया है।

रिकॉर्ड तोड़ शिविर और सम्मान: 'हेल्थ आइकॉन' के रूप में पहचान
विजय लक्ष्मी साहू ने दिल्ली, चंडीगढ़, और बनारस जैसे प्रमुख शहरों में एक्यूप्रेशर के लिए प्रशिक्षण लिया और 60 से अधिक स्वास्थ्य मित्रों को प्रशिक्षित किया। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने राज्य में 80 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया और हजारों लोगों को एक्यूप्रेशर के लाभों से अवगत कराया। इसके अलावा, उन्हें दिल्ली और चंडीगढ़ में कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

हर महिला के लिए संदेश: सपनों को पंख दो, आत्मनिर्भर बनो
विजय लक्ष्मी साहू उन महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जो अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं। वे कहती हैं, "समय की कदर करो, चुनौतियाँ जीवन को बेहतर बनाने का रास्ता होती हैं। आत्मनिर्भरता आपको सशक्त बनाएगी और इससे आप अपने सपनों को वास्तविकता में बदल सकती हैं। विजय लक्ष्मी साहू का जीवन यह साबित करता है कि अगर आपके पास जुनून, परिवार का समर्थन और सकारात्मक सोच हो, तो आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। उनके योगदान ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दी है।

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