वेदांता एल्युमीनियम का बड़ा कदम: ओडिशा-छत्तीसगढ़ में डीकार्बनाइजेशन, वॉटर पॉजिटिविटी और जैव विविधता के लिए पीडब्ल्यूसी के साथ करार

जल संरक्षण की दिशा में वेदांता का बड़ा कदम
रायपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत की अग्रणी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्युमीनियम ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अपने प्रचालन क्षेत्रों में सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पीडब्ल्यूसी इंडिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी के विस्तार की घोषणा की है। यह पहल कंपनी की 2050 तक नेट ज़ीरो कार्बन और 2030 तक वॉटर पॉजिटिव बनने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस साझेदारी के अंतर्गत डीकार्बनाइजेशन, जल संरक्षण, और जैव विविधता संरक्षण की दिशा में ठोस कार्ययोजनाओं पर अमल किया जाएगा। शुरुआत झारसुगुड़ा में जैव विविधता परियोजनाओं से हुई थी, जिसे अब छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रचालन क्षेत्रों तक विस्तारित किया जा रहा है।
वेदांता का दृष्टिकोण ‘Transforming for Good’ पर आधारित
राजीव कुमार (सीईओ) वेदांता एल्युमीनियम ने कहा कि वेदांता में हमारा दृष्टिकोण ‘Transforming for Good’ पर आधारित है। पीडब्ल्यूसी के साथ यह गठबंधन सतत विकास और सामुदायिक प्रभाव के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण है। हम भारत के 2070 नेट जीरो लक्ष्य का समर्थन करते हुए, 2050 तक कार्बन न्यूट्रल बनने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं। तो वहीं संदीप कुमार मोहंती, पार्टनर – क्लाइमेट एंड एनर्जी, पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा वेदांता के साथ मिलकर इस परिवर्तनकारी यात्रा का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है। हम नवाचार और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव को सकारात्मक दिशा में मोड़ना चाहते हैं।
मुख्य पहलें-
डीकार्बनाइजेशन-
एल्युमीनियम उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए उन्नत कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन परियोजनाओं का कार्यान्वयन।
स्थानीय समुदायों में ऊर्जा दक्ष चूल्हों का वितरण, जिससे जैव ईंधन का उपयोग कम हो और उत्सर्जन में कमी आए।
जल संरक्षण-
स्थानीय जल निकायों की सफाई और पुनर्निर्माण के माध्यम से जल पुनर्चक्रण में वृद्धि।
लांजीगढ़, ओडिशा में 'संगम' परियोजना के तहत 41 गांवों में जल आधारित संपत्तियों का निर्माण।
जैव विविधता संरक्षण-
जीआईएस-आधारित मानचित्रण उपकरणों का उपयोग करके आक्रामक प्रजातियों को समाप्त करना और देशी वनस्पतियों को पुनः स्थापित करना।
मियावाकी तकनीक का उपयोग करके घने वन स्थापित करना, जो जैव विविधता को बढ़ावा देता है और कार्बन अवशोषण में मदद करता है।
कंपनी की प्रतिबद्धताएँ-
2050 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करना।
2030 तक नेट वाटर पॉज़िटिविटी हासिल करना।
जैव विविधता का 'नो नेट लॉस' सुनिश्चित करना।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की भूमिका
पीडब्ल्यूसी इंडिया इस साझेदारी में रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्य करेगा, और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचारपूर्ण मूल्यांकन उपकरणों और स्थानीय सहयोग के माध्यम से इन पहलों को लागू करेगा।
वैश्विक मान्यता और योगदान
वेदांता एल्युमीनियम को हाल ही में S&P ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2024 में दूसरा स्थान मिला, जो इसके ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) प्रयासों की पुष्टि करता है। FY2025 में कंपनी ने 24.2 लाख टन एल्युमीनियम का उत्पादन किया, जो भारत की कुल मांग का आधे से अधिक है।
सतत भविष्य की ओर
यह साझेदारी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों – SDG 6 (स्वच्छ जल), SDG 13 (जलवायु कार्रवाई), और SDG 15 (भूमि पर जीवन) – की दिशा में प्रगति को बढ़ावा देगी।
