छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने रखा तीजा का निर्जला व्रत: रात में खाया करू भात, पति की लंबी आयु के लिए दिनभर चलेगा पूजा-पाठ का दौर

छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने रखा तीजा का निर्जला व्रत
तरुणा साहू- रायपुर। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध लोक संस्कृति और परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां पर हर माह कोई न तीजा व्रत-त्यौहार मनाया जाता है। इसी में से एक है, तीजा व्रत जिसे पूरे प्रदेशभर में मनाने की परंपरा है। महिलाएं अपने मायके जाकर अपने पति की लंबी आयु के लिए इस कठिन व्रत को रखती है। ऐसे में आइये जानते हैं क्या है तीजा व्रत।
तीजा व्रत पूरे छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जाता है। यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है, इसे भाद्रपद मास की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में विशेष रूप से महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना करती है। तीजा के दिन घर की बहन- बेटियों को श्रृंगार सामान उपहार स्वरुप दिया जाता है।
बहनों को तीजा लाते हैं भाई
छत्तीसगढ़ में तीजा समय बेटियां अपने मायके पहुंचती है। इस दौरान बहनों को भाई तीजा लेने के लिए उनके ससुराल जाते हैं। बहने भाई के घर तीजा आकर उपवास रखकर इस परंपरा का निर्वाह करती है। इस दौरान भाई अपनी बहन को उपहार स्वरुप साड़ी और श्रृंगार की वस्तुएं भेंट करता है। इस व्रत का महत्त्व नवविवाहिताओं के लिए अधिक होता है। तीजा व्रत ख़त्म हो जाने पर उसे वापस छोड़ने जाता है।

करू भात खाने की है परंपरा
तीजा व्रत में महिलाएं करू भात खाती हैं। करू भात में विशेष तौर पर करेला सब्जी और भात ( पका चावल ) बनाया जाता है इसलिए इसे 'करू भात' कहते हैं। इसके अगले दिन महिलाएं एक दिन- रात निर्जला व्रत रखती हैं। वहीं अगले दिन अगले दिन फरहर ( समाप्त ) करते हैं। इस दिन महिलाएं नए वस्त्र धारण कर विधि- विधान से शिव- पार्वती और नंदी की पूजा करते हैं।

मिट्टी के बर्तन और बैलों की रहती है डिमांड
तीजा के आते ही प्रदेश के गांव से लेकर शहर तक के बाजार गुलज़ार हो जाते हैं। यहां के हर बाजार में मिट्टी के बने रंग- बिरंगे बैल और बर्तन सजे होते हैं। देखने में यह काफी सुन्दर और आकर्षक होता है। मान्यता है कि, बैल की पूजा करने के बाद घर के छोटे बच्चे इसे लेकर घर- घर जाते हैं। इस दौरान वे लोगों से नंदी भगवान के नाम पर दान मांगते हैं। वहीं मिट्टी के बर्तन को घर की बेटियां खेलती है।

छत्तीसगढ़िया व्यंजनों का मिलता है स्वाद
तीजा व्रत महिलाएं एक- दूसरे के घर भोज कर इस उत्सव को धूमधाम से मानते हैं। तीजा के दिन घरों- घर अलग- अलग प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाये जाते हैं। इनमें ठेठरी, खुरमी, नमकीन, मीठा मुठिया के नाम शामिल है। इसके अलावा अन्य स्वादिष्ट पकवान भी बनाये जाते हैं।
