मौसम तय करता है अंतिम संस्कार की तारीख: यहां नहीं है मुक्तिधाम, बारिश में टीन लगाकर किया जाता है संस्कार

This is how funeral process happens without Muktidham
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बिना मुक्तिधाम के ऐसे होती है अंतिम संस्कार की प्रक्रिया 

बिलासपुर जिले के तखतपुर में मुक्तिधाम नही होने के कारण मृत्यु के दूसरे दिन अंतिम संस्कार किया जाता है। तेज बारिश के चलते संस्कार करना मुश्किल हो जाता है।

टेकचंद कारड़ा - तखतपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां किसी ग्रामीण की मृत्यु होने पर मौसम तय करता है कि, उसका अंतिम संस्कार उसी दिन होगा या फिर दूसरे दिन होगा।

आजादी के 70 वर्ष बाद जब पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं इस गांव में मृत्यु के बाद सबसे दुखद बात यह है कि, हर बार कोई अलग प्रकार की व्यवस्था करके ही मृतक का अंतिम संस्कार होता है। जानकारी के अनुसार, मुक्तिधाम नही होने के कारण राधेश्याम साहू की मृत्यु होने पर दाह संस्कार दूसरे दिन करना पड़ा। यह पूरा मामला ग्राम पंचायत पूरा नाम के गांव का है।

शमशान घाट में बरसात के समय टीन लेकर पहुंचते हैं ग्रामीण
ग्राम पंचायत पूरा में मुक्तिधाम नही होने के कारण वहां के ग्रामीण काफी परेशान हैं। यह परेशानी बरसात के दिनों में किसी की मृत्यु होने पर और भी ज्यादा बढ़ जाती है। बरसात के समय किसी की यदि मृत्यु हो जाए तो दाह संस्कार करने में ग्रामीणों को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। श्मशान घाट में बरसात के समय दाह संस्कार करने के लिए टीन लेकर पहुंचते है। वहां शेड़ बनाते है और आस-पास में उस जगह पर पानी न पहुंचें इसकी व्यवस्था करते है। तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार हो पाता है।

5 सालों से ग्रामीण कर रहे हैं शेड निर्माण की मांग
ग्रामीण पिछले पांच साल से वहां पर शेड़ निर्माण की मांग कर रहे है। परंतु इस पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। श्मशान घाट पहुंचने के लिए एक सड़क भी नही है। जिसके कारण भी ग्रामीणों को भारी असुविधा होती है। इस सड़क निर्माण के लिए पंचायत के द्वारा भी कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नही हो पाई है।

तेज बारिश के चलते 7 जुलाई का दाह संस्कार 8 जुलाई को हुआ
वहीं कुछ दिनों पहले 7 जुलाई, सोमवार को ग्राम पूरा की 65 वर्षीय राधेश्याम साहू की मृत्यु हो गई थी। लेकिन दिनभर बारिश हो रही थी और श्मशान घाट में कोई व्यवस्था नही थी। जिसके कारण 7 जुलाई को होने वाला डाह संस्कार बारिश थमने के बाद 8 जुलाई को करंडा पड़ा। परिजनों और ग्रामीणों ने श्मशान घाट में टीन के शेड़ की व्यवस्था की तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार हो पाया।

जल्द होगा मुक्तिधाम के लिए शेड़ निर्माण
तखतपुर तहसीलदार पंकज सिंह और सीईओं सत्यव्रत तिवारी ने कहा है कि, पंचायत से जगह के लिए चर्चा की जाएगी और फिर मुक्तिधाम के लिए शेड़ निर्माण कराने के निर्देश दिए जाऐंगे। पूरा में मुक्तिधाम नही है जहां स्वीकृति और निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर उच्चाधिकारीयों को भेजा जाएगा।

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