सुरीले कलमकार: पत्रकारों ने बिखेरे गायकी के रंग, हिंदी, छत्तीसगढ़ी गानों से सजी शाम

surile kalamkar Program
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कार्यक्रम में गाने की प्रस्तुति देते हुए पत्रकार 

रायपुर में आयोजित सुरीले कलमकार कार्यक्रम में पत्रकारों ने अपनी गायकी का जलवा बिखेरा। हिंदी, छत्तीसगढ़ी गानों के साथ शाम सजी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सुरीले कलमकार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पत्रकारों ने अपनी गायकी का रंग बिखेरा। कार्यक्रम में हिंदी के साथ ही छत्तीसगढ़ी गानों से भी दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। वहीं इस सुन्दर प्रस्तुति के दौरान दर्शक अपने आप को झुमने से नहीं रोक पाए। कार्यक्रम में अलग- अलग मीडिया संस्थानों के पत्रकार शामिल हुए थे।

कार्यक्रम शुरू होने से पहले​ दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट विनय शर्मा को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। हाल ही में उनका बीमारी से निधन हो गया था। स्वर्गीय शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम के संयोजक कौशल स्वर्णबेर ने बताया कि, भोर एक सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अलग-अलग मीडिया संस्थानों के 30 से ज्यादा पत्रकारों ने नए-पुराने और सदाबहार नगमे पेश किए।


इन पत्रकारों ने गाया गाना
कार्यक्रम में दीपक पांडेय ने ओ हंसीनी, जगजीत सिंह ने दिल का फसाना, मुकेश वर्मा ने किसी बात पर मैं किसी से खफा हूं, सुरेश वैष्णव ने तौबा ये मतवाली चाल, राहुल सिन्हा ने नजराना भेजा किसी ने प्यार का, आकांक्षा दुबे ने दिल दीवाना बिन सजना के माने ना, गंगेश द्विवेदी ने क्या हुआ तेरा वादा, अमिताभ दुबे ने आने वाला पल जाने वाला है, दामू आंबेडारे ने तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है जैसी गीतों पर अपनी आवाज ​दिए। इसी तरह अख्तर हुसैन ने मेरे दिल ने तड़प के, अंकित मिश्रा ने बदन पे सितारे लपेटे हुए, कौशल तिवारी ने तुम भी चलो हम भी चलें, सरिता दुबे ने ए दिल मुझे बता दे, तू किसपे आ गया है, विभाष झा ने मेरे नैना सावन भादो, संजीव दीवान ने चंदा ओ चंदा पर अपनी गायकी के जलवे बिखेरे।

छत्तीसगढ़ी गीतों पर भी झूमे श्रोता
अरुण बागड़े छत्तीसगढ़ी गीत ऐ गोरी तोर लाली बिंदिया पर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। जबकि अजय रघुवंशी ने मोर पड़की मैना गाकर छत्तीसगढ़ी के रंग बिखेरे। वहीं निकष परमार ने हम तुझसे मोहब्बत करके सनम, शिवशंकर सोनपिपरे ने एक अजनबी हसीना से, हेमंत डोंगरे ने भोले ओ भोले, एसबी द्विवेदी ने हमने जफा न सीखी, धीरज मिश्रा ने कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है जैसे नगमे पेश किये वहीं विक्रम साहू ने रामजी की निकली सवारी गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। वहीं श्रवण शर्मा ने मेरी तमन्नाओं की तकदीर तुम संवार दो जैसे गाने गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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