सुकमा पहुंचे विजय शर्मा: आत्मसमर्पित नक्सलियों और स्कूली बच्चों से किया संवाद, तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित की चरण पादुका

स्कूली बच्चों को बैग वितरित करते हुए डिप्टी सीएम विजय शर्मा
लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा सुकमा जिले में शाला प्रवेशोत्सव और चरण पादुका वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों और आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद किया। साथ ही नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत कर उन्हें बैग, पुस्तक और गणवेश वितरित किया। इसके अलावा 10 हितग्राहियों को चरण पादुका का भी वितरण किया। वहीं बोर्ड परीक्षा में अव्वल आने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित क़िया।
इस अवसर पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने डिप्टी सीएम से सीधा संवाद कर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि, पहले के नक्सल संगठन का जीवन एक भटका हुआ और गुमराह से भरा जीवन था। उस खोखली विचारधारा को त्याग कर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर बहुत ही बेहतर जीवन मिला लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जानकारी के अभाव में हम रास्ता भटक गए थे किन्तु शासन के पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर एक बेहतर जीवन जी रहे हैं।

योजनाओं के संचालन के दिए निर्देश
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आवश्यक दस्तावेज पुनर्वास केन्द्र में ही बनवाकर राज्य शासन के समस्त योजनाओं का लाभ दिलाने की बात कही। साथ ही पुनर्वास केन्द्र में उनके दैनिक दिनचर्या से भी अवगत हुए। इस दौरान विजय शर्मा ने एक्सपोजर विजिट कराकर बाहरी दुनिया का भ्रमण कराने रायपुर, जगदलपुर जैसे शहर ले जाने के निर्देश दिए। लोगों को साक्षर बनाने के लिए खेलकूद, मनोरंजन, फिल्में दिखाने के लिए कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दिए।
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शिक्षा व्यवस्था को बहाल करना चुनौतीपूर्ण
इस अवसर पर डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि, सुकमा जिले में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक 1 हजार से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था को बहाल करना, विशेषकर बस्तर जैसे चुनौतीपूर्ण अंचल में, किसी आंदोलन से कम नहीं है। बीते वर्षों में कई स्कूलों को नक्सल हिंसा का शिकार होना पड़ा, कुछ स्कूलों को बम से उड़ा दिया गया जो मानवता के विरुद्ध अत्यंत निंदनीय कृत्य हैं।
लाल आतंक से मुक्त हो रहा बस्तर - डिप्टी सीएम शर्मा
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि, बस्तर के हर गांव तक संविधान की पूर्ण स्थापना हो, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और सुरक्षा के अधिकार गांव-गांव में सुदृढ़ हों। उन्होंने ग्रामीण युवाओं और अभिभावकों से आह्वान किया कि वे गांव की उन्नति में सक्रिय भागीदारी निभाएं, क्योंकि असली परिवर्तन स्थानीय नागरिकों की जागरूकता और सहयोग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि, गांव में यदि शिक्षा है, तो अशिक्षा नहीं होगी। यदि स्वास्थ्य है, तो कुपोषण नहीं रहेगा। यदि भयमुक्त वातावरण है, तो कोई लाल आतंक नहीं रहेगा।

तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित की चरण पादुका
कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम शर्मा ने बच्चों को प्रतीकात्मक रूप से मुकुट पहनाया। प्रोत्साहन राशि और प्रवेश प्रमाण-पत्र वितरित कर तेंदूपत्ता संग्रहको को चरण पादुका का भी वितरण किया। उन्होंने कहा कि, ये प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि एक नए भविष्य की ओर उनका पहला कदम है। साथ ही जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि, यह आयोजन न सिर्फ प्रेरणादायी है, बल्कि समाज को सकारात्मक दिशा में जोड़ने वाला है।
