रंग लाई लड़कियों की बगावत: प्रदर्शन के बाद प्रशासन की खुली आंख, स्कूल मार्ग की मरम्मत शुरू

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ग्राम पंचायत के सामने प्रदर्शन करते हुए छात्र- छात्राएं

बलौदा बाजार जिले के विद्यार्थियों ने पक्की सड़क बनाने और टीचर की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने स्कूल मार्ग के मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।

कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के पलारी तहसील अंतर्गत ग्राम सहाड़ा में विद्यार्थियों का आक्रोश फूट पड़ा। वर्षों से पक्की सड़क की मांग कर रहे छात्र-छात्राओं ने आज स्कूल तक जाने वाले रास्ते की खराब हालत से तंग आकर आज शाला का बहिष्कार किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने पंचायत भवन के सामने जमकर प्रदर्शन किया। वहीं प्रदर्शन के बाद अब प्रशासन भी हरकत में आ गया है। जिसके बाद स्कूल मार्ग के मरम्मत काम शुरू कर दी गई है लेकिन शिक्षकों की कमी वाली मांग अभी भी बनी हुई है।

प्रदर्शन में शासकीय हाई स्कूल कक्षा, नवमी और दसवीं तक के विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए। उनका कहना है कि, गांव से स्कूल तक की दूरी करीब 1 किलोमीटर है और यह मार्ग पूरी तरह कीचड़ युक्त और जर्जर है। जिससे रोजाना स्कूल आना-जाना बेहद कठिन हो गया है। बारिश के मौसम में स्थिति और भी बदतर हो जाती है।


कीचड़ भरे रास्ते से होकर जाते हैं स्कूल
छात्रों का कहना है कि स्कूल भवन बने वर्षों हो गए हैं लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए आज तक पक्का रास्ता नहीं बना। कीचड़ भरे रास्तों से रोजाना स्कूल आना-जाना पड़ता है, जिस कारण कई बार छात्र-छात्राएं फिसल कर गिर जाते हैं और यूनिफॉर्म खराब हो जाती है। ऐसे में कई बच्चों को वापस घर लौटना पड़ता है और उस दिन पढ़ाई छूट जाती है। विद्यार्थियों ने बताया कि, पिछले दो वर्षों से वे लगातार प्रशासन और पंचायत से पक्की सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं।

शिक्षकों की कमी से जूझ रहा स्कूल
इतना ही नहीं, स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी भी बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े कर रही है। करीब 80 से ज्यादा छात्र-छात्राओं वाले इस हाई स्कूल में केवल एक प्रधान पाठक और एक शिक्षक ही तैनात हैं। शाला विकास समिति द्वारा अस्थायी रूप से दो शिक्षक नियुक्त किए गए हैं लेकिन पूर्व में पदस्थ महिला शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर होने से स्कूल में नहीं आ रही थीं। इसके अलावा स्कूल में सफाई कर्मचारी की भी नियुक्ति नहीं है, जिससे साफ-सफाई की व्यवस्था भी चरमराई हुई है।

मौके पर पहुंचे आला अधिकारी
छात्रों ने बताया कि, टीचर्स की कमी के चलते स्कूल में नियमित पढ़ाई नहीं हो पा रही। कई बार 10:30 बजे स्कूल पहुंचने के बाद भी उन्हें 1 बजे ही छुट्टी दे दी जाती है। छात्र-छात्राओं ने इसको लेकर कई बार सरपंच और जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को जब छात्र-छात्राओं ने मुख्य मार्ग पर पहुंचकर धरना दिया तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। मौके पर तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओ, शिक्षा विभाग के बीईओ और पुलिस विभाग समेत तमाम अधिकारी दौड़ते हुए स्कूल पहुंचे और बच्चों को समझाइश देकर वापस कक्षाओं में बैठाया।

मार्ग की मरम्मत शुरू
छात्रों के आंदोलन के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए जेसीबी मशीन बुलाकर स्कूल मार्ग की मरम्मत शुरू करवा दी। रास्ते से कीचड़ हटाकर उसमें बजरी और मुरूम डलवाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। वहीं, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने शाम तक एक नए शिक्षक की नियुक्ति करने का आश्वासन दिया है।छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही वादे पूरे नहीं किए गए तो वे फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे। इस घटना ने शिक्षा विभाग की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है, जहां तमाम दावे तो किए जाते हैं लेकिन हकीकत में बच्चों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

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