विपक्ष से नाराज हुए स्पीकर: डॉ. रमन बोले- 25 सालों की परंपरा को ध्वास्त करने पर तुला है विपक्ष

स्पीकर डॉ. रमन सिंह विपक्ष पर हुए नाराज
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को सदन में अजीब सा माहौल बन गया। खाद- बीज की कमी पर हंगामा कर रहे विपक्ष के 30 विधायक गभगृह में घुसने के कारण स्वत: ही निलंबित हो गए। लेकिन निलंबन के बावजूद विपक्ष के विधायक सदन से बाहर ना जाकर गर्भगृह में ही धरने पर बैठ गए। विपक्षी विधायकों के इस आचरण पर स्पीकर डा. रमन सिंह नाराज हो गए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि, आज का दिन हमारी छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए संसदीय परंपरा को ठेस पहुंचाने वाला रहा है। एक तरफ हम रजत जयंती वर्ष में अपने संसदीय गौरव और गरिमामयी इतिहास की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष के विधायकों द्वारा वेल में प्रवेश उपरांत स्वतः निलंबन के बाद भी सदन से बाहर जाने की जगह नारेबाजी करते हुए विधानसभा की परंपराओं को तार-तार कर नियमावली की धज्जियां उड़ाने का काम किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि, प्रतिपक्ष के इस व्यवहार के बाद मुझे अत्यंत खेद के साथ प्रश्नकाल की प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा, वो प्रश्नकाल जो कि छत्तीसगढ़ की जनता के विषयों से सीधा जुड़ा होता है। उसे बाधित करना प्रतिपक्ष द्वारा एक अत्यंत दुःखद आचरण है।
गर्भगृह में नारेबाजी करता रहा विपक्ष
उल्लेखनीय है कि, गुरुवार को विधानसभपा में विपक्षी विधायकों के गर्भगृह में ही धरने पर बैठ जाने और लगातार नारेबाजी करने से स्पीकर डाक्टर रमन सिंह नाराज हुए। उन्होंने कहा- विपक्ष के सदस्यों ने निरंतर और असंसदीय व्यवहार किया है। बार- बार आग्रह करने के बाद भी छततीसगढ़ विधानसभा की 25 साल की परंपरा को ध्वस्त करने में ये लगे हुए हैं। डा. रमन ने कहा- यह नुकसान छत्तीसगढ़ का है, छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं का है। यहां की कार्यवाही पूरा देश देखता है कि, छत्तीसगढ़ ने क्या मापदंड स्थापित किए हैं। उस मापदंड की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही हैं, मेरे आग्रह के बाद भी आप समझने को तैयार नहीं हैं।
