रेत के चक्कर में पानी खत्म: मांड नदी से रेत का अवैध खनन और परिवहन जोरों पर, विभाग की मौन सहमति

मांड नदी से रेत का अवैध खनन और परिवहन जोरों पर, विभाग की मौन सहमति
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ग्राम रजौटी भिठुवा प्रतापगढ़ खड़गांव महारानीपुर में बेतरतीब खुदाई से नदी के भविष्य पर भी संकट के बादल गहराने लगे हैं। नदी किनारे बसे गांव के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

अनिल उपाध्याय- सीतापुर। खनिज विभाग की शह पर क्षेत्र में रेत का अवैध खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से शुरू हो गया है। रेत माफिया अवैध रूप से नदी से रेत का खनन एवं परिवहन कर मोटी कमाई कर रहे हैं। रेत माफियाओं के इस अवैध कारोबार से जहाँ शासन को राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है, वहीं रेत तस्करी की आड़ में अधिकारी एवं रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं। रेत के चक्कर में की जा रही बेतरतीब खुदाई से नदी के भविष्य पर भी संकट के बादल गहराने लगे हैं।

गौरतलब है कि, ग्राम रजौटी भिठुवा प्रतापगढ़ खड़गांव महारानीपुर स्थित मांड नदी से रेत खनन एवं परिवहन का अवैध कारोबार बेखौफ जारी है। रेत माफिया यहाँ से ट्रैक्टर के माध्यम से रेत की ढुलाई कराते है। जिसे हाइवा वाहन में भरकर बाहर के क्षेत्रों में खपाया जाता है। रेत के इस अवैध कारोबार से होने वाली मोटी कमाई में सभी का बराबर का हिस्सा होता है। ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों की जेब इस मोटी कमाई के जरिये गरम की जाती है। तभी तो रेत माफिया दिन-दहाड़े अपने मंसूबों को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। वे मांड नदी से रेत खनन एवं परिवहन कर रहे हैं। मांड नदी में किये जा अवैध रेत खनन से नदी के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है। मोटी कमाई के चक्कर मे बेतरतीब रेत खनन से मांड नदी पूरी तरह सूख गई है। जिसकी वजह से नदी किनारे बसे गांव के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। मांड नदी में जल संकट का सामना कर रहे लोगों ने अवैध रेत खनन पर रोक लगाने की मांग की है। ताकि नदी के अस्तित्व पर मंडराने वाली संकट को दूर किया जा सके।

बिना पिट पास के किया जा रहा है खनन, परिवहन
ग्राम प्रतापगढ़ स्थित मांड नदी में बिना पिट पास के रेट का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।रेत के इस अवैध उत्खनन की आड़ में खनन करने वालो से ग्राम पंचायत द्वारा अवैध उगाही की जा रही है।दरअसल ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ को पूर्व में खनिज विभाग द्वारा पिट पास जारी किया गया था।जिसकी बदौलत प्रतापगढ़ स्थित मांड नदी से रेत खनन एवं परिवहन किया जाता था।मौजूदा समय मे खनिज विभाग द्वारा ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ को पिट पास जारी नही किया है।इसके बाद भी मांड नदी से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन जारी है।इस अवैध खनन एवं परिवहन को ग्राम पंचायत का शह प्राप्त है।ग्राम पंचायत के सरपंच ने इस अवैध खनन एवं परिवहन को अपनी कमाई का जरिया बना लिया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में हो रहा तस्करी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में व्यापक पैमाने पर पक्के घर बनाये जा रहे है। जिसके लिए नदी से ट्रैक्टर के माध्यम से रेत खनन एवं परिवहन की छूट दी गई है। इस छूट के तहत ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा लिखित रूप से जिस ट्रैक्टर को अनुमति दी गई है। केवल वही नदी से रेत खनन एवं परिवहन कर सकता है। इस दौरान वाहन चालक के पास सरपंच द्वारा जारी अनुमति पत्र साथ होना चाहिए। लेकिन यहाँ भी रेत माफियाओं ने अपना जुगाड़ बना लिया। वो प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में नदी से रेत खनन कर ट्रैक्टर से परिवहन कराने लगे। जिसे वो रेत डंपिंग ग्राउंड में इकट्ठा करने के बाद वहां से हाइवा वाहन के जरिये बाहर खपाते हैं। जिसके बदले उन्हें मोटी कमाई होती है और उस मोटी कमाई से अधिकारियों को भी हिस्सा जाता है। ताकि अवैध रेत खनन एवं परिवहन का काम धड़ल्ले से चलता रहे और वो कार्यवाही से बच सके।

नियमानुसार होगी कार्रवाई
इस संबंध में माइनिंग इंस्पेक्टर त्रिवेणी देवांगन ने कार्यवाही करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए छूट दी गई है। लेकिन उसके लिए भी एक प्रावधान बनाया गया है। इस प्रावधान के विपरीत अगर कोई रेत खनन और परिवहन करता है तो वो अवैध है। ऐसे करते पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

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