फर्जी दस्तावेजों से कराई रजिस्ट्री: एक ही नाम से किया गया बड़ा खेल, पीड़ित घर से भी धो बैठा हाथ, पहुंचा थाने

Fake registration of land and house through forged documents
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सीतापुर के ग्राम पेटला में कूटरचित दस्तावेजों के जरिए जमीन और घर की फर्जी रजिस्ट्री

सीतापुर के ग्राम पेटला में कूटरचित दस्तावेजों के जरिए जमीन और घर की फर्जी रजिस्ट्री, भूस्वामी बेघर, पुलिस जांच में जुटी।

अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ में सीतापुर जिले के ग्राम पेटला से एक गंभीर जमीन फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जहाँ कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर एक भूस्वामी की पुश्तैनी जमीन और घर हड़प लिए गए। आरोप है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत से व्यवसायी मनीष अग्रवाल आत्मज कैलाश अग्रवाल द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर पूरी जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली गई थी।

मिली जानकारी के अनुसार, खसरा नंबर 519, 528, 529, 530, 531, 533, 2638, 2639, 2640/3, 3103/2 और 4008/2 की कुल रकबा 2.7040 हेक्टेयर जमीन खीरु आ चेंगा के नाम पर दर्ज थी। मगर जमीन हड़पने की नीयत से उसी नाम के एक अन्य व्यक्ति खीरु आ रंगा बरगाह को विक्रेता के रूप में खड़ा किया गया, जिससे असली भूस्वामी की जगह नकली व्यक्ति से जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवा ली गई।

जमीन ही नहीं, घर से भी बेदखली
इस जमीन पर बना भूस्वामी का घर भी अब कब्जे में चला गया है। फर्जीवाड़े के बाद भूस्वामी अपने घर और जमीन दोनों से बेदखल हो चुका है।

गांव में रोष, कांग्रेस नेता के साथ थाने पहुँचा पीड़ित पक्ष
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में आक्रोश फैल गया। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष तिलक बेहरा, गांव के सरपंच, पंच और ग्रामीण पीड़ित पक्ष को साथ लेकर थाने पहुंचे और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपते हुए सख्त कार्यवाही की मांग की।

उप-पंजीयक ने भी कराया मामला दर्ज
इस गंभीर फर्जीवाड़े को देखते हुए उप-पंजीयक कार्यालय ने भी स्वयं खीरु आ रंगा, मनीष और कैलाश अग्रवाल के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया है। उप-पंजीयक ने थाना प्रभारी को दिए ज्ञापन में स्पष्ट कहा कि यह रजिस्ट्री कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर करवाई गई, जो पूरी तरह अवैध है।

जांच जारी, दोषियों पर होगी कार्यवाही
थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने बताया कि पीड़ित पक्ष द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई है। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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