पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार की निंदा: अंबेडकर अस्पताल कांड, गरियाबंद जिला श्रमजीवी पत्रकार संघ ने की निंदा

पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार की निंदा
श्यामकिशोर शर्मा- राजिम। राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ गरियाबंद जिला इकाई द्वारा कड़ा विरोध करते हुए घटना की निंदा की गई। पत्रकारों ने कहा है कि, ऐसे गुंडों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी गुंडे, मवाली, बदमाश ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर पाएं।
गरियाबंद जिले के श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यों ने कहा है कि, घटना में शामिल गुंडों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। #Gariaband #Chhattisgarhnews #Raipurnews pic.twitter.com/kfCTkAtP0C
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) May 26, 2025
बता दें कि, राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में रिपोर्टिंग के लिए पहुंचे मीडिया के साथ सुरक्षा के ठेकेदार मवालियों ने जिस तरह की मारपीट और हिंसा की है, उससे कई सवाल खड़े होते हैं। सवाल तो यह कि जो कैमरे और माइक लिए हुए रिपोर्टरों के साथ ऐसा बर्ताव करते हैं वे लोग गांव-गांव से आने वाले गरीब मरीजों के घरवालों के साथ कितना बुरा बर्ताव नहीं करते होंगे? अपने हुलिए से ही ये बाउंसर साबित होते हैं कि ये शराबखानों और नाइट क्लबों में धुत्त लोगों की गुंडागर्दी को रोकने के लिए बने हैं, लेकिन गरीबों के अस्पताल में इनकी तैनाती सरकार की एक बड़ी चूक बताती है।
हाईकोर्ट ने की थी टिप्पणी
अभी हफ्ता भर भी नहीं हुआ है, जब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसी अस्पताल को लेकर राज्य सरकार से कई तरह के जवाब मांगे हैं। कहा है कि, मरीजों के घरवालों के रहने-खाने की जगह भी, अस्पताल की जिम्मेदारी है। गरीब घरवाले अस्पताल के अहाते में कहीं पकाते-खाते हैं, कहीं नहाते और कपड़े सुखाते हैं। जो सबसे बेबस मरीज रहते हैं उनके लिए सरकारी अस्पताल ही अकेला ठिकाना रहता है। ऐसे कमजोर गरीबों के साथ ये बाउंसर कैसे गुंडागर्दी नहीं करते होंगे? सरकार के सारे संस्थानों में अस्पताल सबसे संवेदनशील होते हैं क्योंकि लोग वहां बहुत दुख-तकलीफ में ही आते हैं। ऐसे लोगों के सामने गुंडे-मवालियों की तैनाती अस्पताल की सोच पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, कि क्या अस्पताल गरीब मरीजों को इतना बड़ा खतरा मानता है?
निंदा करने वाले पत्रकारों में ये शामिल
पत्रकारों के साथ हुई घटना की निंदा करने वालो में गरियाबंद जिला अध्यक्ष श्यामकिशोर शर्मा, महासचिव रमेश चौधरी, संरक्षक फारूख मेमन, अरेंद्र पहाड़िया, गोरेलाल सिन्हा, यशवंत यादव, मनमोहन नेताम, अल्तमश खान, जितेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष नरेंद्र तिवारी, कामेश्वर गोस्वामी, नीरज शर्मा, प्रकाश वर्मा, मनोज वर्मा, आलोक पहाड़िया, मनीष जैन, पुरूषोत्तम पात्र, हसन खान, गुरूनारायण तिवारी, भरत बखारिया, जितेंद्र सिन्हा, लीलाराम साहू, रामकृष्ण ध्रुव, अश्वनी अवस्थी, धनंजय बिहारी, योगेश सिंह ठाकुर, यामिनी चंद्राकर, रमेश सोनी, योगेश शर्मा, समद खान, नितिन बखारिया, रामानुज नेताम, संतोष जैन, विकास शर्मा, भागीरथी सिन्हा, मोहन कुशवाहा, नागेश्वर मोरे, देवीचरण ठाकुर, अनंतनारायण तिवारी, नेमीचंद बंजारे, गोविंद तिवारी, नागेश तिवारी, सहित संघ के सभी पदाधिकारी सदस्य शामिल हैं।
