40 बरस में पहली बार सूखी शिवनाथ: 54 गांवों में पानी सप्लाई बंद, एक-एक बूंद के लिए ऐसा संघर्ष कि कुएं में बैठाना पड़ा पहरा

40 बरस में पहली बार सूखी शिवनाथ : 54 गांवों में पानी सप्लाई बंद, एक-एक बूंद के लिए ऐसा संघर्ष कि कुएं में बैठाना पड़ा पहरा
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शिवनाथ नदी का पानी सूख गया

नवागढ़, बेमेतरा इलाके में शिवनाथ नदी का पानी सूख गया। इसका असर यह हुआ कि इसके जरिए 54 गांवों में मीठा पानी पहुंचाने के लिए लगे वाटर सप्लाई प्लांट भी ठप हो गया ।

संजय जोशी -रायपुर/नवागढ़। 40 बरस में ऐसा पहली दफा है जब नवागढ़, बेमेतरा इलाके में शिवनाथ नदी का पानी सूख गया। इसका असर यह हुआ कि इसके जरिए 54 गांवों में मीठा पानी पहुंचाने के लिए लगे वाटर सप्लाई प्लांट भी ठप हो गया, जिस वजह से इलाके में बूंद बूंद के लिए संघर्ष हो रहा है। 54 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में आंदू की हालत तो ऐसी हो चुकी हैं कि यहां के इकलौते कुएं में पानी की सुरक्षा के लिए रात में पहरा बैठाना पड़ रहा है। दरअसल, कुआं भी तकरीबन सूखा है। रातभर में इसमें थोड़ा बहुत ही पानी इकट्ठा हो पाता है, जिसकी सुरक्षा के लिए पहरा बैठाया जा रहा है।

खारा पानी की समस्या दूर करने के लिए ही यहां नदी से पानी देने प्लांट लगाया गया था, लेकिन अभी हालत यह है कि गांव के बोर सूख चुके हैं। नदी सूखी चुकी है। हरिभूमि से गांव की समस्या को साझा करते हुए ग्रामीणों का गुस्सा फुट पड़ा। आंदू निवासी राधाबाई डेहरे ने बताया कि गांव के तालाब सूख चुके हैं। जो सरकारी नल से पानी आ रहा था, वह भी दो महीने से बंद हो गया है। पीने व निस्तारी के लिए घोर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत द्वारा मोटर पंप लगाया गया है, उससे पानी ही नहीं निकल रहा। निस्तारी के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है, वहीं पीने के पानी के लिए रात-व दिन गांव के एक मात्र कुएं में पूरा गांव पानी भरने के लिए 24 घंटे पहरा दे रहा है। इसी तरह बिरमपुर के सुखीराम साहू का कहना है कि उनके गांव में पिछले ढाई महीने से पीने की सरकारी नल से पानी आना बंद हो गया है। निस्तारी व पीने दोनों के लिए न मोटरपंप में पानी है न तालाब में कैसे जी रहे हैं, किसको क्या बताएं, पूरे गांव के लोगों का पानी के बीना बुरा हाल हो गया है। कातलबोड़ के विशाल का कहना है कि गांव में सालभर पीने की पानी की समस्या रहती है, बालासमुद से पूरे बारह माह पानी ढुलाई कर पानी पीते आ रहे हैं, गर्मी में यह समस्या दोगुनी हो गई है।

पानी सप्लाई का हर संभव प्रयास
बेमेतरा जिला कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया कि, जिले में शिवनाथ नदी के सूख जाने व भू-जल स्तर गिरने के कारण नल जल योजना पेयजल सप्लाई प्रभावित हुई है। ऐसे हालात में जल संकट से निपटने शहरी क्षेत्र में टैंकरों से पानी व ग्रामीण क्षेत्रों के 168 गांवों में नल-जल योजना से कम मात्रा में ही सही पर पानी सप्लाई का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

बांध में ही पानी नहीं तो नदी में कहां से लाएं
जिला जल संसाधन विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता सीएस शिवहरे का कहना है, तांदूला बांध व मोंगरा बैराज में क्षमता से बहुत कम 15 प्रतिशत के आस-पास ही पानी बचा है, जो शिवनाथ नदी को वर्तमान में पुनर्जीवित नहीं कर सकता है। किसानों ने गर्मी में धान की फसल व स्थानीय लोगों ने रेत उत्खनन किया, जिसके चलते नदी के संचित पानी का दुरुपयोग किया, जिससे नदी सूख गई।

मुसीबत बड़ी
बालासमुंद के सरपंच इंदल कुरें ने कहा कि भू-जल स्तर गिरने के कारण पेयजल व निस्तारी की भारी समस्या हो रही है। जैसे-तैसे एक्का-दुक्का मोटर पंप जो रुक रुककर चल रहे हैं, उसी से किसी तरह जीवन चला रहे हैं। तालाबों में भी नहीं के बतौर पानी है। दो टाटा डीआई वाहान के माध्यम से 2-2 हजार लीटर क्षमता की टंकियों में पास के गांव जोगीपुर से पीने की पानी लाया जा रहा है।

भयंकर समस्या
ग्राम पंचायत आंदू के सरपंच भरत साहू का कहना है कि पंचायत आंदू, आश्रित ग्राम घठोली, बिरमपुर तीनों गांवों में पेयजल व निस्तारी दोनों की ही भयंकर समस्या हैं। भू-जल स्तर गिरने से व्यवस्था बिगड़ गई है, तालाब, कुएं सुख गए हैं, ऐसे हालात से निपटने एक-दो दिन में टैंकर से पानी सप्लाई कराने की योजना बना रहे हैं।

बरसात होने पर ही प्लांट से पानी सप्लाई
जिला पीएचई मुख्य कार्यपालन अभियंता जेपी सिदार का कहना है कि, करीब दो महीने से शिवनाथ नदी में पानी न होने के कारण अमोराघाट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्र में खारा व कम भू-जल प्रभावित करीब 54 गांवों में पेयजल आपूर्ति बंद है, अब पेयजल की सप्लाई प्लांट से तभी हो पाएगा, जब नदी में बरसात का पानी आ जाएगा।


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