लखमा के समर्थन में उठी आवाज: सर्व आदिवासी समाज ने कहा- हमारी आवाज दबाने का हो रहा प्रयास

सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी
लीलाधर राठी- -सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता किया। इस दौरान उन्होंने सरकार पर कई आरोप लगाते हुए आदिवासियों की आवाज को दबाने की बात कही। साथ ही पूर्व मंत्री लखमा की गिरफ़्तारी और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के घर पड़े रेड को लेकर भी सवाल उठाया। इस बीच आदिवासी समाज ने स्थानीय मुद्दों और ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी।
पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, बस्तर अंचल के विभिन्न मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाने वाले समाज कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले के संबंध में आवाज उठाने वाले पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के घर में छापा मारा गया। यह कार्रवाई आवाज उठाने वाले दबाने के लिए की गई। सब जानते हैं जो शिकायतकर्ता है, उसी के ऊपर कार्रवाई करना गलत है।
आदिवासियों की आवाज को दबाया जा रहा - उमेश सुंडाम
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष उमेश सुंडाम ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, बस्तर की परिस्थितियों को जब समाज चिन्तन करता है तो सामान्य प्रतीत नहीं होता, कहीं न कहीं बस्तर के ज्वलंत मुद्दों पर बात करने वाले या काम करने वालों को दबाया जा रहा है। उन्हें शासन प्रशासन से अपनी बात रखते के लिए रोका जा रहा है। सामाजिक कार्य करने वाले लोगों को दबाने की कोशिश की जा रही है। पेसा कानून और वन अधिकार कानून के प्रावधान अनुसार बस्तर में क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। नगरनार का निजीकरण कर के बस्तर को बड़ी कॉम्पनियों के हवाले करने का प्रयास किया जा रहा है।
बस्तर में घट रहे जंगल
जिला अध्यक्ष उमेश सुंडाम ने कहा- बैलाडिला की पहाड़ी और सभी खदानों को निजी हाथों में दे कर जो लोहा 70 साल में निकाला जाना था वह 10 साल में ही निकाल लिया जा रहा है। आश्रम शाला, छात्रावास में लगातार आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार और लैंगिक उत्पीड़न की घटनाएं हो रही है। बस्तर की जंगल जमीन को बिना विधिवत अधिग्रहण किए विकास के काम के लिए ले लिया जा रहा है जिससे बस्तर के जंगल में बहुत तेजी से कमी आई है।

युक्तियुक्तकरण पर उठे सवाल
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष उमेश सुंडाम ने कहा कि, युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया जिस तरह से किया जा रहा है उससे शालाओं में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो पा रही है। जिससे आदिवासी अंचल में शिक्षा की गुणवत्ता की कल्पना हम कैसे कर सकते हैं? बच्चों की संख्या के आधार पर नहीं अपितु कक्षा और विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना की जाए। वैसे भी बस्तर जैसे शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े क्षेत्र को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। युक्तियुक्तकरण खामियां सामने आ रही है इसको लेकर भी जल्द आवाजउठाई जाएगी।
आदिवासियों की जमीन पर हो रहा अवैध कब्ज़ा
सुकमा कोया कुटमा समाज जिला अध्यक्ष ने विष्णु कवासी ने कहा- बस्तर में आदिवासियों और गैर आदिवासियों की जमीनों पर राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के साथ ही भूमाफियों का गिरोह हड़प रहे हैं। इसके प्रमाण जगदलपुर शहर में भी आपके मीडिया के माध्यम से उजागर हुए हैं। ऐसे मामलों में भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। बकावंड बस्तर ब्लॉक में आदिवासी जमीनों लीज पर लेकर अवैध कब्जा किया जा रहा है। भू माफियाओं पर नियंत्रण के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा में भू माफी नियंत्रण अधिनियम पारित करना जरूरी है।
अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई की मांग
जिला अध्यक्ष ने कहा-बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में बांग्लादेशी अवैध घुसपैठियें यहां की प्राकृतिक संसाधन के साथ-साथ मानवीय संसाधनों पर भी अवैध हड़पांतरण कर रहे हैं। इस मामले को लेकर समाज द्वारा 56 सालों से लगातार आवाज उठाते आ रहा है लेकिन इस पर कोई कार्यवाही प्रशासन नहीं करती है। हम आज भी इस पर मांग करते हैं कि अवैध घुसपैठियों की पूरी जांच करके उनको वापस भेजा जाए।
पूर्व मंत्री लखमा की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
ध्रुवा समाज संभागीय उपाध्यक्ष राजू राम नाग ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा के गिरफ्तारी लेकर उठाए सवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, बस्तर के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को जिस तरह से गिरफ्तार करके जेल में रखा गया है। यह प्रतीत होता है कि बस्तर के बुलंद आदिवासी आवाज को दबाने का कहीं प्रयास तो नहीं है। लखमा अपने मंत्रित्वकाल में संभाग के सभी समुदाय के उत्थान के लिए कार्य किए हैं। विभिन्न मामलों में कैद बंदियों के मामलों को समाप्त करते हुए न्यायालय से उन्हें बरी करवाया। बस्तर में वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को उनके प्रयास से पुनः शुरू किया गया। विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों को कवासी लखमा के प्रयास से एमबीबीएस में प्रवेश दिलवाया गया।
