राशन दुकानों पर खराब चावल का वितरण: ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़, कांग्रेस ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

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ख़राब चावल 

सारंगढ़ जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खराब चावल बांटे जा रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में बीमारी का डर है।

देवराज दीपक - सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले के शासकीय राशन दुकानों में खराब चावल का वितरण किया जा रहा है। जिसके चलते लोगों में स्वास्थ्य खराब होने का डर बना हुआ है। इसके चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

जानकारी के अनुसार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में इन दिनों स्तरहीन चावल की आपूर्ति की जा रही है। ऐसा ही एक मामला बरमकेला ब्लॉक के समस्त राशन दुकानों मे खाम्ही आया है। जहां गुणवत्ताहीन चावल को वितरण के लिए भेज दिया गया है। वहीं सवाल यह उठता है कि, आखिर गुणवत्ताहीन चावल समितियों में पहुंच कैसे रहा है। यदि पहुंच भी गया तो इस चावल का वितरण ग्रामीणों को क्यों किया जा रहा है। ऐसे चावल को खाने से ग्रामीण निश्चित रुप से गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।


खाद्य विभाग की लापरवाही साफ़ दिख रही
जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि ओमप्रकाश चौहान ने कहा कि, ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है और जानबूझकर इस तरह चावल की आपूर्ति कर रही है। मजे की बात तो यह है कि, इस मसले पर खाद्य विभाग की लापरवाही स्पष्ट रूप से उजागर हो रही है। और खाद्य विभाग गुणवत्ताविहीन चावल को वितरण करने के लिए आतुर है।

पाखड़ चावल वितरण पर कांग्रेस का उग्र आंदोलन
ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस नेता ताराचंद पटेल ने कहा कि, सरकार पाखड़ चावल को खपाने के लिए एक मुस्त तीन महीने देने का निर्णय किया है। जिससे ख़राब चावल को एक साथ खपाने मे सहूलियत हो, जनता को पाखड़ चावल वितरण किया जाएगा तो कांग्रेस कमेटी पुरजोर विरोध करेगा और सरकार को पाखड़ चावल वापस लेने पर मजबूर करेंगे। फिर भी वितरण किया जाता है तो, कांग्रेस कमेटी जनता हित को देखते हुए उग्र आंदोलन करने मे बाध्य हो जाएगा।

खराब चावल खाने से बीमार होने का खतरा
इस मामले की शिकायत प्रदेश के खाद्य मंत्री एवं सम्बंधित उच्च अधिकारी तक किया जाएगा, जहां सरकार ने एक तरफ लोगो को स्वच्छता, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की बात से लगातार जागरूक कर रही है। वहीं प्रदेश के भोले-भाले जनता को एक मुस्त तीन महीने का ख़राब चावल वितरण कर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे मे लोग मजबूर होकर ख़राब चावल खाने को मजबूर हो रहे हैं। लोग तो अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दे रहे हैं कि, कहीं बीमार न पड़ जाए। किंतु सारंगढ़ जिला में खाद्य विभाग की मंशा समझ से परे है, चावल वितरण के लिए आवंटित किए गए चावल किसी भी हालत में उपयोग के लायक नहीं है। जिससे लोगो मे काफ़ी आक्रोश है। ख़राब चावल को खपाने को लेकर एक मुस्त तीन महीने का वितरण करने योजना बनाई गई है। इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

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