नागपंचमी पर उमड़ी भक्तों की भीड़: बिरतिया बाबा मंदिर की मिट्टी खाने से नहीं चढ़ता सांप का जहर

बिरतिया बाबा मंदिर उमड़ी भक्तों की भीड़
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बिरतिया बाबा मंदिर उमड़ी भक्तों की भीड़ 

सक्ती जिले के कैथा गांव के बिरतिया बाबा मंदिर में नागपंचमी के अवसर पर भक्तों का तांता लगा रहता है।

राजीव लोचन साहू-सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के कैथा गांव के बिरतिया बाबा मंदिर में नागपंचमी के अवसर पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। मान्यता है कि, बिरतीया बाबा के शरण में आकर एक चुटकी मिट्टी खा लेने से सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है।

जहरीले से जहरीले सांप-बिच्छू का विष भी एक चुटकी मिट्टी खा लेने और 3 बार बिरतिया बाबा के जय-जयकार लगाने से छू-मंतर हो जाता है। यह लोगों के आस्था का केंद्रबिंदु बना हुआ है। बताया जा रहा है कि, यहां सदियों से नागपंचमी के अवसर पर विशेष मेला का आयोजन किया जाता है। नागपंचमी के दिन बिरतिया बाबा के दर्शन के लिए सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है।


मंदिर पुजारी राजेश शुक्ला ने बताया कि कैथा गांव के जमीदार को सांप ने सपना दिया की उनके गले में कुछ फंसा हुआ है। इसके बाद जमींदार खाई के पास पहुंचा तो वहां एक सांप था, जिसके गले में कुछ फंसा हुआ था। तब जमींदार ने सांप के गले में हाथ डालकर फंसी हुई चीज को बाहर निकाला। इसके बाद को सांप ने वरदान दिया कि कैथा के शरहद में कोई भी सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति आएगा, उसे यहां के एक चुटकी मिट्टी खा लेने से सर्पदंश से मुक्ति मिल जाएगी। इसके बाद कैथा गांव में बिरतीया बाबा के नाम से मंदिर स्थापित किया गया है। इसके बाद से यहां सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति आने लगे।


मिट्टी खिलाने से पीड़ित व्यक्ति होता है स्वस्थ
यहां सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को मंदिर के पास लेटा कर एक चुटकी मिट्टी खिलाया जाता है। चादर ओढ़ाकर बिरतिया बाबा का जय-जयकार किया जाता है। इसके बाद पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। नागपंचमी के अवसर पर यहां विशेष मेला का आयोजन किया जाता है। यहां सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है।

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