यहां आज भी सपना है विकास: कुदाल गांव तक नहीं पहुंची कोई सड़क, एक बनी वह भी पड़ी है अधूरी

Kudal village
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कुदाल गांव तक नहीं पहुंची कोई सड़क


बस्तर के कुदाल गांव में आजादी के दशकों बाद भी सड़क न बनना विकास की सच्चाई पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के जगदलपुर क्षेत्र में विकास की बड़ी-बड़ी बातें, करोड़ों का बजट और नेताओं के वादे तो देखने को मिलते ही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश करती है। बस्तर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुदाल गांव में आज भी ग्रामीणों को एक अदद सड़क के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बस्तर में सरकारें हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं। नई सड़कें, पुल और पुलियों का निर्माण कराया जा रहा है ताकि हर गांव को जिला मुख्यालय से जोड़ा जा सके। लेकिन कुदाल गांव आज भी इस विकास यात्रा से अछूता है।


पंचायत भवन तक बनी सड़क अधूरी

यह सड़क कुदाल गांव के पंचायत भवन को जोड़ती है, यानि गांव की सबसे महत्वपूर्ण संस्था से। इसी रास्ते से अधिकारी, जनप्रतिनिधि और सरपंच-सचिव भी आते-जाते हैं। लेकिन यह हैरान करने वाली बात है कि, कभी भी किसी सरकार ने इस सड़क को बनवाने की जरूरत नहीं समझी। अधिकारियों और नेताओं को इससे कोई दिक्कत नहीं होती, क्योंकि वे बड़ी गाड़ियों में बैठकर आते हैं और बैठक लेकर चले जाते हैं। लेकिन ग्रामीणों को, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को, नंगे पांव कीचड़ और पत्थरों के रास्ते चलना पड़ता है।

सड़क बना दो साहब... मेहरबानी होगी
गांव के लोग बार-बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। पंचायत के सरपंच और सचिव ने कई बार प्रस्ताव भी भेजे, लेकिन हर बार वह फाइल अफसरों की मेज पर धूल खाती रह गई। ग्रामीणों का दर्द है कि, जब कोई बीमार होता है तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती। ग्रामीणों की यही अपील है, सड़क बना दो साहब... मेहरबानी होगी।

प्रशासन की चुप्पी, ग्रामीणों की उम्मीदें
बस्तर ब्लॉक के कुदाल गांव के लोग आज भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि, कोई तो आएगा जो उनकी आवाज सुनेगा। कोई तो उनके गांव तक एक पक्की सड़क पहुंचाएगा। विकास कीअसली तस्वीर देखनी हो, तो कुदाल जैसे गांवों का रुख जरूर करना चाहिए। जहां आज भी 'विकास' सिर्फ एक सपना है।

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