सड़क हादसा: घायलों को मिलेगा डेढ़ लाख तक निशुल्क उपचार, आईआरएडी पोर्टल होगा मददगा

Dungarpur Road Accident
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राजस्थान के राजसमंद जिले में बस पलटने से 3 लोगों की मौत हो गई।

सड़क हादसे में घायल होने वालों को स्वास्थ्य योजना में पंजीकृत अस्पतालों में डेढ़ लाख तक निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी।

रायपुर। सड़क हादसे में घायल होने वालों को स्वास्थ्य योजना में पंजीकृत अस्पतालों में डेढ़ लाख तक निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। इसके लिए इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटा बेस (आईआरएडी) पोर्टल मददगार होगा। इस ऐप का संचालन पुलिस स्वास्थ्य, परिवहन और एनएचएआई की सहभागिता से होगा। ऐप का उद्देश्य एक्सीडेंट के पीड़ितों के त्वरित उपचार के साथ ब्लैक स्पॉट और कारणों का मंथन कर कमियां दूर करना भी है।

सूत्रों के मुताबिक, इस ऐप की पासवर्ड आईडी चारों विभागों को दी गई है। इसमें में सभी विभाग अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर एंट्री करेंगे। कई बार इस तरह की स्थिति बनती है कि घटना के बारे में समुचित जानकारी नहीं होने पर घायलों को त्वरित उपचार की सुविधा नहीं मिल पाती। पुलिस के साथ अन्य विभाग सड़क हादर की समीक्षा में अपनी प्रमुख भूमिका नहीं निभा पाते। आईआरएडी इन्हीं कमियों को दूर करेगा। सीएमएचओ डा. मिथिलेश चौधरी ने बताया कि इस योजना के तहत रोड एक्सीडेंट में जख्मी होने वाला प्रधानमंत्री सड़क दुर्घटना नकद रहित उपचार योजना का पात्र होगा। योजना के अनुसार पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिनों के भीतर किसी भी पीएमजेएवाय योजना में पंजीकृत अस्पताल में भर्ती होकर 1.50 लाख रुपये तक की राशि का निशुल्क उपचार करा सकेगा। इससे घायलों के इलाज पर होने वाले खर्च की चिंता दूर होगी। साथ संबंधित पोर्टल पर दुर्घटना की सही और त्वरित प्रविष्टि से न केवल सहायता प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार को सड़क सुरक्षा के लिए प्रभावी नीतियाँ तैयार करने में भी सहायता मिलेगी।

पिछड़ रहे अस्पताल वाले
सूत्रों के अनुसार आईआरएडी पोर्टल में एंट्री करने में पुलिस सक्रियता दिखा रही है, मगर शासकीय और निजी अस्पताल वाले इसमें पिछड़ रहे हैं। अस्पतालों के पंजीयन काउंटर में बैठने वाले कर्मचारियों को इस पोर्टल एंट्री करने की जिम्मेदारी गई है। कई बार ऐसा होता है कि घटना के बाद घायल सीधे अस्पताल पहुंच जाते हैं और पुलिस को इसका पता नहीं चल पाता। पोर्टल में एंट्री इस समस्या का समाधान कर सकती है। अस्पतालों की सुस्ती को दूर करने विभागीय अफसरों द्वारा निर्देश जारी किया गया है।

मददगार को 25 हजार की सम्मान राशि
इस योजना के तहत घायलों की मदद कर उसे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने वालों को भी सम्मानित किया जाएगा। पूर्व में मददगार को 5 हजार रुपये दिए जाते थे जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये किया गया है। इसके अलावा मदद करने वालों के घटना के अलावा अन्य तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी। अक्सर यह बात सामने आती है कि आम लोग पुलिस पचड़े में फंसने के डर से सड़क हादसों के प्रत्यक्षदर्शी होने के बाद भी मदद के लिए सामने नहीं आते।


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