निजी अस्पतालों को बड़ी राहत: आयुष्मान का लंबित भुगतान शुरू | 375 करोड़ की पहली किस्त जारी

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रायपुर। आयुष्मान भारत योजना से जुड़े छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों को लंबे समय से लंबित भुगतान का इंतजार था। अब स्वास्थ्य विभाग ने पहली किस्त के रूप में 375 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। सरकार का दावा है कि यह कदम अस्पताल संचालकों को बड़ी राहत देगा और आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं में सुगमता मिलेगी।
निजी अस्पतालों की चेतावनी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रावधानित राशि में से 375 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इससे अस्पतालों को आंशिक राहत मिलेगी और आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज में रुकावट नहीं आएगी।
हालांकि, निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि यह भुगतान आंशिक है। जनवरी से मार्च 2025 के लंबित भुगतानों, पिछले दो वर्षों के पुनर्जनन मामलों, इलाज के पैकेज संशोधन, और नियमित मासिक भुगतान प्रक्रिया को स्पष्ट करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में भुगतान में रुकावट न हो। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (AHPI) ने पहले चेतावनी दी थी कि करीब 700 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान न होने पर वे योजना के तहत इलाज बंद कर सकते हैं।
किसने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार नागरिकों के हितों को लेकर सजग है और सभी बकाया राशि जल्द ही भुगतान कर दी जाएगी।
आईएमए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रभात पांडेय ने बताया कि निजी अस्पतालों की समस्याओं पर जल्द राज्य स्तर की बैठक बुलाई जाएगी।
एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि अस्पतालों को आ रही तकनीकी और भुगतान संबंधी दिक्कतों पर विचार के लिए रायपुर में बैठक आयोजित की जाएगी और शिकायत पत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजा जाएगा।
निष्कर्ष: छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों के 700 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान को लेकर विवाद के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 375 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है, जिससे अस्पतालों को आंशिक राहत मिली है। हालांकि, जनवरी-मार्च 2025 के बकाया, पुराने मामलों, और पैकेज संशोधन जैसे मुद्दे अभी अनसुलझे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने शीघ्र पूर्ण भुगतान का आश्वासन दिया है, और IMA व AHPI के साथ बैठकें प्रस्तावित हैं। यह कदम मरीजों को निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, लेकिन नियमित भुगतान प्रक्रिया को स्पष्ट करना आवश्यक है।
