मंत्री-विधायकों के स्टाफ का प्रशिक्षण: डॉ. रमन बोले-ध्यान रखें जो विधायक अभी 11 बजे तक साेएगा वह अगली बार सोता रह जाएगा

डॉ. रमन बोले-ध्यान रखें जो विधायक अभी 11 बजे तक साेएगा वह अगली बार सोता रह जाएगा
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छत्तीसगढ़ विधानसभा 

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों के स्टाफ का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों के स्टाफ का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधायकों और मंत्रियों के स्टाफ प्रशिक्षण कार्यक्रम में संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में निज सचिवों, सहायकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, प्रशिक्षण सतत प्रक्रिया है। पहले मंत्रियों का प्रशिक्षण हुआ, दूसरे चरण में सभी विधायकों का प्रशिक्षण हुआ। तीसरे चरण में PA, PS का प्रशिक्षण हो रहा है। प्रशिक्षण से हम बहुत कुछ सीखते हैं, इसलिए यह बहुत जरूरी है।

मंच के पीछे की भूमिका निभाते हैं मंत्री- विधायक के स्टाफ
डॉ. रमन सिंह ने आगे कहा कि, मंच के पीछे आपको सारी भूमिका निभानी पड़ती है। आपका परफॉर्मेंस अच्छा होगा तो मंत्री विधायक सफल होंगे। मैंने कई मंत्रियों, विधायकों को कई बार जीतते देखा है। PA, PS की छवि बेहतर रही इसलिए भी वे जीते।

11 साल बाद हो रहा ऐसा प्रशिक्षण
उन्होंने आगे कहा कि, 11 साल बाद ऐसा प्रशिक्षण हो रहा है। जो विधायक पहली बार में ही 11 बजे तक सोता है। याद रखें कि वह अगली बार ज्यादा सोएगा। जो विधायक, PA, PS ढाबे में बैठकर चर्चा करते हैं, वे बचें। नहीं तो ढाबे की चर्चा पूरे प्रदेश में फैल जाएगी। मंत्री और विधायक को अलार्म करने का दायित्व आपका है।

मंत्री-विधायक के सोशल मीडिया का ध्यान रखना भी जरूरी
मंत्री-विधायक के सोशल मीडिया का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। एक तरह से सरकार की छवि बनाने का काम PA, PS करते हैं। ई-ऑफिस की जानकारी लेकर इसमें काम करना शुरू करें। कई PA तो अपने विधायक को निपटाने में लगे रहते हैं। अपने विधायक का भला चाहते हैं तो कार्यक्रम अच्छा बनाएं। जहां लंबे समय से विधायक नहीं गए वहां का कार्यक्रम बनाएं। जहां ज्यादा माला पहनाते हैं विधायक वहीं जाना पसंद करते हैं, लेकिन जहां कम माला पहनाते हैं जीत हार की चाबी वहीं होती है।

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