तहसीलदारों का हल्ला बोल: राजधानी में धरनास्थल पर 17 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजस्व अमले की रीढ़ माने जाने वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदार अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। तूता धरना स्थल पर पूरे राज्य से पहुंचे अफसरों ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।
छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सोमवार से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है। रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर 17 सूत्रीय मांगों को लेकर यह प्रदर्शन शुरू किया गया है। नारा साफ है कि, संसाधन नहीं, तो काम नहीं।
रायपुर जिले में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 28 जुलाई सोमवार से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है...@RaipurDistrict #Chhattisgarh pic.twitter.com/tZyqZVG1Iy
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) July 28, 2025
ये है सबसे बड़ी मांग
इनकी सबसे बड़ी मांग है या है कि, पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता और बुनियादी सुविधाएं। प्रदर्शनकारी अफसरों का कहना है कि, मौजूदा हालात में वे बिना संसाधनों के न्यायसंगत काम नहीं कर पा रहे हैं।

राजस्व कामकाज पर पड़ेगा असर
प्रदर्शनकारी तहसीलदार विक्रांत राठौर कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ने कहा कि, हमने मंत्री जी से मुलाकात की है, सकारात्मक संकेत भी मिले हैं, लेकिन अगर मांगे नहीं मानी जातीं तो 30 जुलाई के बाद हम अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाएंगे। अधिकारियों का साफ कहना है कि, अगर उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया, तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हो सकता है। जिसका सीधा असर प्रदेश के राजस्व कामकाज पर पड़ेगा।
