रायपुर SSP कार्यालय होगा शिफ्ट: प्रस्ताव पर मुहर, संभाग आयुक्त भवन होगा ट्रांसफर

रायपुर  SSP  कार्यालय  होगा शिफ्ट  :   प्रस्ताव पर मुहर, संभाग आयुक्त भवन होगा  ट्रांसफर
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राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर स्थित एसएसपी भवन को शिफ्ट करने के लिए आखिरकार प्रशासन को दूसरा भवन मिल गया।

रायपुर। राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर स्थित एसएसपी भवन को शिफ्ट करने के लिए आखिरकार प्रशासन को दूसरा भवन मिल गया। एसएसपी कार्यालय को अब पुराना आरडीए काम्पलेक्स के पास रायपुर संभाग आयुक्त कार्यालय के पुराने भवन में शिफ्ट किया जाएगा। संभाग आयुक्त कार्यालय के लिए नए भवन का निर्माण पुराने भवन के पीछे किया जा रहा है।

इस नए भवन के बनते ही संभाग कार्यालय उसमें शिफ्ट हो जाएगा, वहीं खाली होने पर पुराने भवन में एसएसपी कार्यालय शिफ्ट होगा। एसएसपी भवन के शिफ्ट होते ही कलेक्टोरेट में प्रस्तावित पांच मंजिला नई कम्पोजिट बिल्डिंग के निर्माण का रास्ता भी साफ हो जाएगा, क्योंकि कम्पोजिट बिल्डिंग एसएसपी भवन की जमीन पर ही बनेगी। इसके लिए पहले एसएसपी भवन को तोड़ा जाएगा।

प्रस्ताव को मंजूरी
रायपुर एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि , एसएसपी कार्यालय को संभाग आयुक्त के पुराने भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है।

तीन से चार माह और लगेंगे
एसएसपी भवन को शिफ्ट करने के लिए प्रशासन ने रायपुर संभाग आयुक्त भवन की मांग करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही एसएसपी भवन को शिफ्ट करने की तैयारियों में भी विभाग जुट गया है, क्योंकि आगामी तीन से चार महीने के भीतर संभाग आयुक्त का पुराना भवन भी अपने नए भवन में शिफ्ट हो जाएगा। संभाग आयुक्त भवन के पीछे ही उसका तीन मंजिला नए भवन का निर्माण किया जा रहा है, जिसका लगभग 60 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। विभागीय सूत्रों की मानें, तो अब फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है, जिसमें लगभग तीन से चार माह और लग सकते हैं। इसके बाद संभाग आयुक्त कार्यालय नए भवन में शिफ्ट हो जाएगा। इसके बाद खाली भवन में एसएसपी कार्यालय को शिफ्ट किया जाएगा।

ढाई साल विलंब से शुरू होने पर बढ़ेगा बजट, शासन को नुकसान
एसएसपी भवन के शिफ्ट होते-होते तीन से चार माह और लगेंगे। इससे कलेक्टोरेट में पांच मंजिला कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी लगभग ढाई साल बाद शुरू होगा। इस तरह विलंब से बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू होने से शासन को भी नुकसान है। पीडब्ल्यूडी को इस बिल्डिंग का टेंडर जारी किए लगभग दो साल हो चुका है। जब टेंडर जारी किया गया था, उस समय इस कम्पोजिट बिल्डिंग की लागत लगभग 29 करोड़ 30 लाख रुपए थी। टेंडर जारी कर एजेंसी को निर्माण कार्य के लिए समय-सीमा भी निर्धारित की गई थी। ऐसे में अब इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य लगभग ढाई साल बाद शुरू होगा। इससे निर्माण लागत लगभग तीन करोड़ रुपए या उससे अधिक भी बढ़ सकती है, जिससे शासन को नुकसान होगा।

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