नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का हो रहा विकास: सुकमा- दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों को मिलेगी रेल कनेक्टिविटी, लिडार तकनीक से हो रहा सर्वे

train line
X

रेल लाइन 

कोठागुडेम से किरंदुल तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है।

जगदलपुर। देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से बस्तर अंचल में विकास की गाड़ी अब तेजी पकड़ रही है। कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है।

इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। यह परियोजना न केवल आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। रेलवे द्वारा अत्याधुनिक लिडार तकनीक के माध्यम से सर्वे कार्य किया जा रहा है। यह रेललाइन परियोजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से मॉनिटर की जा रही है, और इसे आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सीएम साय ने जताया आभार
भारतीय रेल विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया है, जिनके निर्देशों और समन्वय से यह सर्वे कार्य पुनः गति पकड़ सका। यह रेलमार्ग भविष्य में बस्तर अंचल के लिए सुरक्षा, समावेशन और समृद्धि का प्रतीक बनने जा रहा है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story