छत्तीसगढ़ में कचरे से होगी कमाई: रायपुर में स्थापित होगा बायोगैस संयंत्र, सरकार को हर साल मिलेगा 1 करोड़ जीएसटी

Raipur MoU signed Biogas plant Municipal Corporation
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बायोगैस प्लांट के लिए एमओयू हस्ताक्षर 

रायपुर नगर निगम की बड़ी पहल पर अब कचरे से गैस बनेगी। इसके लिए 100 करोड़ का इन्वेस्टमेंट होगा। भारत पेट्रोलियम इन्वेस्टमेंट करेगा।

रायपुर। राजधानी रायपुर में अब सूखा कचरा बेकार नहीं जाएगा। सूखा कचरा से बायोगैस बनाई जाएगी। इसके लिए शुक्रवार को नगर निगम रायपुर, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के बीच त्रिपक्षीय अनुबंध हुआ।

इस अनुबंध के तहत 100 करोड़ रुपए की लागत से रावांभाठा क्षेत्र में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रियायती दर पर भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी।

जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा
इस प्लांट में सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद से जैविक खेती को भी प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी, जिससे पर्यावरण स्वच्छ होगा। अनुबंध हस्ताक्षर के अवसर पर निगम के अपर आयुक्त राजेन्द्र कुमार गुप्ता, सीबीडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमित सरकार और बीपीसीएल मुम्बई के हेड बायोफ्यूल्स अनिल कुमार पी उपस्थित रहे।

लोगों को रोजगार के साथ एक करोड़ का जीएसटी मिलेगा
बायोगैस प्लांट के स्थापित होने से जहां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार सृजित होंगे, साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस प्लांट में पूर्ण क्षमता के उत्पादन एवं विक्रय होने पर प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी भी प्रशासन को प्राप्त होगा।

हर रोज बायोगैस बनाने 150 मीट्रिक टन कचरा का होगा इस्तेमाल
कलेक्टर गौरव कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीबीडीए सुमित सरकार, हेड बायोफ्यूल्स बीपीसीएल मुम्बई अनिल कुमार पी., नगर निगम आयुक्त विश्वदीप की उपस्थिति में निगम, सीबीडीए और बीपीसीएल के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत निगम एवं आसपास के निगमों से लगभग 150 मीट्रिक टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन में किया जाएगा।

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