केशकाल बाईपास को मिली फोरलेन की सौगात: केंद्र सरकार ने 307.96 करोड़ रुपये की दी स्वीकृति, वन मंत्री कशयप ने जताया आभार

केशकाल घाटी
लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ के केशकाल बाईपास को फोर लेन करने के लिए केंद्र सरकार ने 307.96 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। केंद्र की इस सौगात से रायपुर और बस्तर के बीच यातायात सुगम होगा। वहीं मंत्री केदार कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताते हुए कहा कि, डबल इंजन की सरकार में बस्तर निरंतर आगे बढ़ रहा है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय परिवहन एवं सड़क मंत्री नितिन गडकरी और CM विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (नया NH-30) पर 11.380 किलोमीटर लंबाई वाले केशकाल बाईपास को पेव्ड शोल्डर मानक के साथ 4-लेन में अपग्रेड करने के लिए 307.96 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी है।
यातायात सुगम, सुव्यवस्थित और सुरक्षित होगा
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में यह निर्माण सहायक होगी। फोर लेन सड़क परियोजनाएं यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। केशकाल की यह चार लेन सड़कें यातायात को सुगम सुव्यवस्थित बनाएंगी और यात्रा के समय को कम करेगी। इसके साथ ही सड़कें सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगी और दुर्घटनाओं की संभावना को कम करेगी। इस सड़क के निर्माण से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार और वाणिज्य को सुविधाजनक बनाएगी।
यातायात के जोखिमों को करेगा कम
मंत्री केदार ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पर 4-लेन केशकाल बाईपास के निर्माण से कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होगी। खासकर केशकाल घाट खंड के चुनौतीपूर्ण इलाके में बाईपास एक सुगम, भीड़-भाड़ रहित मार्ग प्रदान करेगा। जिससे केशकाल घाट खंड में वर्तमान में अनुभव की जाने वाली यातायात बाधाओं को कम किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि, इससे वाहनों की तेज और अधिक कुशल आवाजाही हो सकेगी। शहरी क्षेत्रों से भारी यातायात को हटाकर, बाईपास शहरी सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने, प्रदूषण के स्तर को कम करने और दुर्घटना के जोखिम को कम करने में मदद करेगा। जिससे शहर के भीतर पैदल चलने वालों और मोटर चालकों दोनों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
