हरिभूमि-आईएनएच का भव्य आयोजन: 'आयुष्मान भवः' स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल से सीधी बात

Haribhoomi-INH Ayushman Bhava Health Conclave
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हरिभूमि-आईएनएच 'आयुष्मान भवः' हेल्थ कानक्लेव

हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः हेल्थ कानक्लेव-2025 का आयोजन रविवार 18 मई को होटल बेबीलोन केपिटल, वीआईपी चौक में किया गया।

रायपुर। हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः हेल्थ कानक्लेव-2025 का आयोजन रविवार 18 मई को होटल बेबीलोन केपिटल, वीआईपी चौक में किया जा रहा। इस अवसर चिकित्सकीय सेवा के साथ सामाजिक सरोकार के लिए कार्य करने वाले चिकित्सकों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि आने वाले साढ़े तीन सालों में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। कोई भी मरीज राज्य से बाहर इलाज करने ना जाए, ऐसी सुविधा यहां के निजी और सरकारी अस्पतालों में देने के प्रयास होंगे। मेरी इच्छा है कि जनता सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे, इन अस्पतालों के प्रति विश्वास बढ़ाने का काम करने का प्रयास करूंगा। उन्होंने यह भी बताया कि नई औद्योगिक नीति के तहत 50 से अधिक बेड वाले अस्पताल खोले जाने पर 55 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधन किया गया है। हरिभूमि- आईएनएच द्वारा रविवार को निजी होटल में आयोजित आयुष्मान भवः कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल से आईएनएच-हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सीधी बात की।

पेश हैं बेबाक बातचीत के अंश-
सवाल - स्वास्थ्य विभाग आपको दिया गया है, डेढ़ साल में सबसे बड़ी चुनौती क्या रही।
जवाब - डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप होता है। यह मानकर स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहा हूं। डेढ़ साल में सबसे बड़ी चुनाती विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी की रही है। इस कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। फैकल्टी की भी समस्या से हम जूझ रहे हैं। आने वाले समय में यह स्थिति सुधरेगी। हमने सीनियर ओर जूनियर डॉक्टरों की सैलरी में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी की है। कहीं कहीं ढाई गुना तक भी बढ़ाया गया है। डाक्टरों को साढ़े चार लाख रुपए तक की सैलरी मिल रही है।

सवाल - निजी और सरकारी अस्पतालों का इन डेढ़ सालों के कार्यकाल में अनुभव कैसा रहा। आयुष्मान के जरिए जनता को राहत मिली कि नहीं।
जवाब - डेढ़ सालों में निजी और सरकारी अस्पतलों का मिला जुला अनुभव रहा। कुछ अस्पताल ऐसे हैं जो आयुष्मान से ही चल रहे हैं। रामकृष्ण जैसे अस्पताल आयुष्मान से भागते हैं। कुछ इसके जरिए इलाज भी करते हैं। यहां पर हमारे निजी अस्पताल अच्छे हैं। यहां से मरीज हैदराबाद या नागपुर इलाज कराने कम जाते हैं। सरकारी अस्पतालों में भी सुविधा को अच्छा करने का प्रयास किया जा रहा है।

सवाल - आयुष्मान योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना में किसे अच्छा मानते हैं।
जवाब - दोनों योजना आयुष्मान के अंतर्गत आती है। कुछ पैकेज में रिवाइज करने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों के मुकाबले कुछ इलाज के पैकेज में अन्य राज्यों से आगे है। आयुष्मान योजना का पिछला बकाया 1200 करोड़ था, उसे पूरा किया गया। -सवाल-कई अस्पतालों पर आयुष्मान योजना को लेकर कार्रवाई भी की गई, इस पर क्या कहेंगे। -जवाब-योजना के तहत मीडिया के माध्यम से कई मामलों की जानकारी आती है, उसके तहत 28 अस्पतालों पर कार्रवाई की गई। 126 अस्पतालों को नोटिस दिया गया। आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत फर्जी दावों पर सख्त कार्रवाई करते हुए रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के 28 अस्पतालों का निरीक्षण किया। जांच के बाद 15 अस्पतालों का पंजीयन एक वर्ष के लिए निरस्त कर दिया गया, जबकि 4 अस्पतालों को 6 माह के लिए, 4 को 3 माह के लिए निलंबित किया गया और 5 अस्पतालों को चेतावनी दी गई है। सरकार का इस तरह अंकुश लगाना जरूरी है। जो गड़बड़ी सामने आ रही है उसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।

सवाल - पैकेज रिवाइज करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री क्या प्रयास कर रहे हैं।
जवाब - आयुष्मान योजना में कुछ पैकेज केंद्र और राज्य पर भी निर्भर करता है। छत्तीसगढ़ राज्य का पैकेज आस-पास के 6-7 राज्यों से 10 प्रतिशत में कम है, तो 90 प्रतिशत पैकेज बेहतर हैं। भारत सरकार का बजट 2500 करोड़ रुपए का है। छत्तीसगढ़ में 7720 लाख परिवार इस योजना से लाभांवित हैं। आयुष्मान के माध्यम से सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार हुआ है। प्राइवेट अस्पतालों में भी इससे स्थिति सुधरी है। इसके माध्यम से डाक्टरों को इसके इलाज का 40 प्रतिशत मिलता है। सरकारी अस्पतलों में डॉक्टर इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने के लिए तत्पर रहते हैं।

सवाल - बॉयपास ऑपरेशन सहित कई अन्य मामलों में अस्पतालों में सुविधा को लेकर सवाल उठते हैं, क्या कहना है आपका?
जवाब - सेंट्रल इंडिया में हार्ट के इलाज के लिए सबसे अच्छी सुविधा यहां पर है। हमारे मरीजों की संख्या पिछले डेढ़ सालों में बढ़ी है। मेकाहारा अस्पताल में 700 बेड की सुविधा देने टेंडर किया गया है, इसके बनने से बेड की संख्या 2000 के करीब पहुंचेगी।

सवाल - औद्योगिक नीति में हेल्थ सेक्टर के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं।
जवाब - हेल्थ सेक्टर में 50 बेड के उपर के अस्पताल बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में खोले जाने पर 55 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। अन्य जिलों में 50 बेड से उपर के अस्पताल खोले जाने पर 35 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान है। साथ ही ब्याज अनुदान और कैपिटल सब्सिडी का भी प्रावधान है। यह 7 साल तक आसान किश्तों में दिए जाएंगे।

सवाल - स्वास्थ्य विभाग में बहुत सारी मशीनें खरीदी गई हैं, उनका उपयोग हो पा रहा है कि नहीं।
जवाब - पिछली सरकार के समय कई मशीने खरीदी गई। जिन उपकरणों की आवश्यकता नहीं थी, उसकी भी खरीदी कर ली गई। हमारी सरकार बनने के बाद कोई मशीन नहीं खरीदी गई। एमआरआई मशीन सहित कई बंद पड़ी मशीनों को टेली रिपोर्टिंग के जरिए संचालन करने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार ने यह तय किया है की पीपीपी मोड़ में इसका संचालन किया जाएगा ताकि वित्तीय खर्च कम किया जा सके।पब्लिक की सुनी, डॉक्टरों की समस्या भी समझी : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कार्यक्रम के दौरान दो घंटे तक डॉक्टरों की बातें सुनी और उनकी समस्याओं को समझा। उनसे कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी सवाल पूछे, जिनका उन्होंने बेलाग जवाब दिया।

कुछ सवाल इस तरह रहे-

  • 1- कार्यक्रम में मौजूद उत्कल यादव ने मेडिकल बांड़ से जुड़ी अपनी समस्या सामने रखी। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि बांड और बैंक गारंटी पीजी कोर्स के लिए मांगी जा रही, जिसके कारण मेरी पुत्री का प्रवेश नहीं हो पा रहा है।
  • जवाब- यह नियम पहले से है। बांड का नियम आया तब 500 से अधिक डॉक्टरों ने बांड भरा, लेकिन आधे से अधिक नहीं आए। आने वाले पांच सालों में इसकी जरूरत नहीं रहेगी। बिना बांड और बैंक गारंटी के पीजी में प्रवेश मिलेगा। गरीब लोगों के लिए रास्ता निकाल रहे हैं।
  • 2- डॉक्टर भरत सिंघानिया ने फर्जी डिग्री के माध्यम से इलाज करने वाले डॉक्टरों का मसला उठाया। जवाब- फर्जी डिग्री के माध्यम से अस्पताल संचालित करने वालों पर भी कार्रवाई करेंगे।
  • 3- डॉ. कुलदीप सोलंकी ने मेडिकल स्टूडेंट की रैकिंग में राज्य के पीछे होने, सुपर स्पेश्यलिटी डॉक्टर, बैंक गारंटी या लीज जमा करने और हास्टल सुविधा को लेकर सवाल किए।
  • जवाब- छत्तीसगढ़ को जल्द ही तीन डीएम कोर्स की अनुमति मिलेगी। हास्टल की सुविधा बढ़ाई जा रही है। प्लिंथ लेबल का काम हो गया है। डेढ़ साल में भवन बनकर तैयार हो जाएगा।
  • 4- स्वास्थ्य विभाग में आप क्या करना चाहते हैं।
  • जवाब- आने वाले साढ़े तीन साल में छत्तीसगढ़ से कोई मरीज राज्य से बाहर इलाज करने ना जाए, ऐसी सुविधा यहां के निजी और सरकारी अस्पतालों में देने के प्रयास होंगे। मेरी इच्छा है कि जनता सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे, इन अस्पतालों का विश्वास बढ़ाने का काम करने का प्रयास करूंगा।


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