7 साल का इंतजार हुआ खत्म: सरकार ने स्काई वॉक निर्माण के लिए 37 करोड़ रुपये किए मंजूर

स्काई वॉक
रायपुर। राजधानी रायपुर वासियों के लिए सिरदर्द बन चुका अधूरा स्कॉई वॉक प्रोजेक्ट (फूट ओवरब्रिज) जल्द ही अपने स्वरूप में दिखेगा। इसका निर्माण पूर्ण कराने का फैसला शासन ने ले लिया है। इसके लिए 37 करोड़ 75 लाख रुपए से अधिक की राशि को स्वीकृति भी दी गई है। इस स्वीकृति के बाद लोक निर्माण विभाग ने अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए टेंडर जारी किया था, जिसका ठेका पीएसएए कंस्ट्रक्शन कंपनी रायपुर को दिया है। स्कॉई वॉक प्रोजेक्ट पिछले 8 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है।
भाजपा के शासनकाल में लाए गए इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के बाद विपक्ष में रही कांग्रेस ने इसके उपयोग पर सवाल उठाते हुए प्रोजेक्ट का विरोध किया था। इसके बाद जैसे ही प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई। पांच साल तक इस प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं किया गया, जिसके कारण स्काईवॉक जर्जर हो गया। इधर भाजपा की सरकार आने के करीब डेढ़ साल बाद इस प्रोजेक्ट को अब पूर्ण करने का निर्णय लिया गया है।

पैदल यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
आंबेडकर अस्पताल के मरीज स्काई वॉक से ट्रैफिक में फंसे बिना डीकेएस अस्पताल पहुंच सकेंगे। इसके लिए दोनों अस्पतालों को जोड़ने वाली जगह पर लिफ्ट लगाई जाएगी। स्काई वॉक का एक हिस्सा डीकेएस अस्पताल परिसर में उतरता है। स्काई-वॉक में शास्त्री चौक वाले हिस्से पर रोटरी बनेगी। पूरे चौक पर किसी भी हिस्से में लोग चढ़-उतर सकेंगे। स्लैब के ऊपर टाइल्स और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी। बारिश और धूप से बचाने के लिए ऊपरी हिस्से में पॉली-कार्बोनेट शीट लगाई जाएगी। इससे आसपास सरकारी दफ्तरों में आने-जाने वालों को राहत मिलेगी।
70 प्रतिशत कार्य पूर्ण 451 45 करोड़ हो चुके है खर्च
स्काईवॉक का निर्माण कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इस कार्य में अब तक 45 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, वहीं 31 करोड़ रुपार पीडब्ल्यूडी के पास राशि जमा है। वैसे तो इस राशि से अधूरा निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना था, लेकिन इस राशि में अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कोई कंपनी ही संचि नहीं ले रही थी. जिसके कारण पूर्व में निकाले गए टेंडर के दौरान एक भी कंपनी का आवेदन तक नहीं किया गया था। इस अधूरे प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए शासन स्तर पर चर्चा करने के बाद अब 37 करोड़ 75 लाख 70 हजार 662 रुपए की राशि को मंजूरी दी गई है, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ने इसका दोबारा टेंडर निकाला था। इस टेंडर में पीएसएए कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तय राशि पर काम करने टेंडर भरा था, जिसे स्वीकृति दी गई है। इस तरह यह प्रोजेक्ट अब कुल 82 करोड़ 75 लाख की लागत से पूर्ण होगा।
जयस्तंभ चौक मल्टीलेवल पार्किंग से आंबेडकर अस्पताल गेट तक बनना है स्काईवॉक
स्काईवॉक जयस्तंभ चौक मल्टीलेवल पार्किंग से अंबेडकर अस्पताल गेट निर्माण किया जा रहा है। इस फूट ओवरब्रिज के बनने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार आएगा। इस ब्रिज के बनने से पैदल चलने वाले यात्रियों को ट्रैफिक से राहत भी मिलेगी। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया था, इस मार्ग पर हर दिन करीब 40 हजार लोग पैदल यात्रा करते हैं।
2016 में लाया गया था प्रोजेक्ट, 81.69 करोड़ की लागत से बनना था स्काईवॉक
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के कार्यकाल में वर्ष 2016 में स्काईवॉक प्रोजेक्ट लाया गया था। शहर की बढ़ती आबादी तथा पैदल यात्रियों की सुविधा को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। बताया जा रहा है कि शुरुआत में इस प्रोजेक्ट का ठेका लखनऊ की कंपनी मेसर्स जीएस एक्सप्रेस को 42.55 करोड़ रुपार में दिया गया था। इस स्काईवॉक का निर्माण कार्य 8 महीने में पूरा किया जाना था। इसकी कुल लंबाई लगभग 1.470 किलोमीटर थी, वहीं इसमें पहले 10 स्थान पर सीढ़ी, 8 जगहों पर एस्केलेटर और 2 जगह पर लिफ्ट लगाना था। बाद में इस प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 81.69 करोड़ रुपए हो गई। प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने के साथ अब स्काईवॉक में 12 एस्केलेटर, 12 सीढ़ी और जगह लिफ्ट लगेगी।
