शालू के सपनों को लगे पंख: सीएम साय की मदद से अब जा पाएगी चीन, खेलेगी एशियन यूथ सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप

सॉफ्टबॉल खिलाड़ी शालू डहरिया
रायपुर। छत्तीसगढ़ की बेटी और 12 बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी सॉफ्टबॉल खिलाड़ी शालू डहरिया के चेहरे पर मुस्कान की लहर दौड़ गई। जब स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें वीडियो कॉल कर न सिर्फ शुभकामनाएं दी। बल्कि उनके सपने को पूरा करने के लिए जरूरी आर्थिक मदद भी प्रदान किया।
शालू डहरिया का चयन 14 से 20 जुलाई, 2025 को चीन के सिआन में होने वाली एशिया यूथ सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में हुआ है।छत्तीसगढ़ से इस ओपन टूर्नामेंट के लिए केवल दो महिला खिलाड़ियों का चयन हुआ है। जिनमें शालू डहरिया भी शामिल हैं। लेकिन इस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भागीदारी के लिए आवश्यक 1.70 लाख रूपये की फीस उनके लिए एक बड़ी बाधा बन गई थी।

आठवीं कक्षा से शुरू हुआ सॉफ्टबॉल खेलना
आर्थिक रूप से साधारण परिवार से आने वाली शालू के पिता प्राइवेट सुरक्षा गार्ड हैं और माँ एक छोटे से ब्यूटी पार्लर का संचालन करती हैं। इसके बावजूद शालू ने आठवीं कक्षा से सॉफ्टबॉल खेलना शुरू किया। अब तक एक गोल्ड मेडल सहित 12 बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
सीएम साय ने शालू से कहा - बेटी, तुम आगे बढ़ो, हम सब तुम्हारे साथ हैं..
मुख्यमंत्री साय ने शालू डहरिया को वीडियो कॉल कर कहा कि, बेटी, तुम आगे बढ़ो, हम सब तुम्हारे साथ हैं। छत्तीसगढ़ को तुम पर गर्व है। अच्छा खेलो, मेरी शुभकामनाएं तुम्हारे साथ हैं। देश और प्रदेश का नाम रोशन करो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, राज्य सरकार बेटियों को केवल प्रोत्साहित नहीं करती, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर उनके सपनों को पंख देने के लिए भी हमेशा तत्पर रहती है।
संवेदनशीलता की मिसाल बनी यह पहल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दिशानिर्देश पर त्वरित अमल करते हुए जांजगीर चांपा कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने शालू को 1.70 लाख रूपये की सहायता राशि का चेक सौंपा और प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं दीं। शालू की माता अल्का डहरिया ने सीएम साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, सीएम साय की संवेदनशील पहल और आर्थिक सहायता से मेरी बेटी को अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है।
सिर्फ योजनाओं तक सीमित नहीं है सरकार
मुख्यमंत्री साय की यह पहल बताती है कि, सरकार सिर्फ योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं, ज़रूरत की घड़ी में हाथ पकड़कर साथ निभाने वाली साथी है। बेटियों के सपनों को साकार करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
