भारतरत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि: राजधानी में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम साय

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सीएम साय
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह संपूर्ण कार्यक्रम जिले के वंती विहार चौक पर आयोजित हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, आज हम छत्तीसगढ़वासी अपने पते में जिस 'छत्तीसगढ़' शब्द का उपयोग करते हैं। वह अटल जी की ही देन है। वे हमारे छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री साय ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनका पुण्य स्मरण किया।
कवि और राजनेता के रूप अटल जी का विशिष्ट पहचान
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, अटल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पत्रकार, कवि और राजनेता के रूप में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। सभी लोग उनके भाषण के कायल होते थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, हमने 25 सप्ताह तक चलने वाले छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के ‘रजत महोत्सव’ का शुभारंभ किया है। आज यदि हम छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं, तो यह अटल जी की ही देन है।

इस वर्ष को ‘अटल निर्माण वर्ष’ घोषित
इस 25 सप्ताह में सभी विभागों द्वारा विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह वर्ष अटल जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। हमने उनकी स्मृति में इस वर्ष को ‘अटल निर्माण वर्ष’ घोषित किया है, जिसके तहत अधोसंरचना विकास में तेजी लाने के लिए अलग से बजट का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, अटल जी ने जिस उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, उन उद्देश्यों की पूर्ति करते हुए हमारा राज्य तेजी से तरक्की की राह पर बढ़ रहा है। इन 25 वर्षों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि, हमने अगले 25 वर्षों में विकसित राज्य बनने की न केवल संकल्पना की है, बल्कि इसे पूरा करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन-2047’ रोडमैप भी तैयार किया है।
वे सिद्धांत एवं मूल्यों की राजनीति को ही महत्व देते थे- सीएम साय
मुख्यमंत्री साय ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि, मेरा सौभाग्य रहा कि जब अटल जी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने, उस समय मैं सांसद के रूप में निर्वाचित हुआ। मैंने संसद में अटल जी के व्याख्यान सुने हैं। लोकसभा में उनके संबोधन का हम सब इंतजार करते थे। उनका चुटीला अंदाज, बेबाकी और अपनी बात रखने की कला सबका मन मोह लेती थी। जब छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सम्बंधी बिल संसद में प्रस्तुत हुआ, उस चर्चा को भी मुझे श्रोता के रूप में सुनने का अवसर मिला। उस समय हमारे राज्य से राज्यसभा सांसद स्वर्गीय लखी राम अग्रवाल एवं स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ने भी अपनी बात संसद में रखी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, अटल जी ने हमें सिखाया कि सिद्धांतों पर हमेशा दृढ़ रहना चाहिए। वे सिद्धांत एवं मूल्यों की राजनीति को ही महत्व देते थे।
इस अवसर पर ये रहे उपस्थित
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, अटल जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि संवाद, सहमति और संवेदना की कला भी है। उनकी वाणी आज भी हमारी धड़कनों में गूंजती है। कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा एवं राज्य खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर किशोर महानंद, जयंती पटेल, अवंती विहार व्यापारी संघ के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
