स्तन कैंसर पीड़िता का सफल ऑपरेशन: थोरैसिक एपिड्यूरल ब्लॉक तकनीक से हुआ संपन्न

सफल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम
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सफल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में पहली बार थोरैसिक एपिड्यूरल ब्लॉक एनेस्थीसिया तकनीक से स्तन कैंसर का सफल ऑपरेशन हुआ। बिना जनरल एनेस्थीसिया मरीज को सुरक्षित अनुभव मिला।

अमित गुप्ता - रायगढ़। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य की तरक्की और सुशासन के सफर में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार लगातार हो रहा है। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और नई सुविधाओं के विकास पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।

इसी दिशा में स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ निरंतर अपनी सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है। अधिष्ठाता डॉ. विनीत जैन और अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार मिंज के मार्गदर्शन में थोरैसिक एपिड्यूरल ब्लॉक एनेस्थीसिया तकनीक के माध्यम से एक मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।

एक उन्नत और सुरक्षित एनेस्थीसिया पद्धति
एनेस्थीसिया विभाग ने आधुनिक एनेस्थीसिया तकनीक की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। 48 वर्षीय महिला, जिन्हें स्तन कैंसर का पता चला था, मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी (MRM) एवं लिम्फ नोड डिसेक्शन सफलतापूर्वक किया गया। यह जटिल ऑपरेशन बिना जनरल एनेस्थीसिया (GA) के, केवल थोरैसिक एपिड्यूरल ब्लॉक तकनीक से संपन्न हुआ। जो एक उन्नत और सुरक्षित एनेस्थीसिया पद्धति है।


तो ये होता है थोरैसिक एपिड्यूरल ब्लॉक
यह एक रीजनल एनेस्थीसिया तकनीक है, जिसमें पीठ के ऊपरी भाग (Thoracic Region) में दवा दी जाती है जिससे शरीर के संबंधित हिस्से को सुन्न किया जाता है। इस प्रक्रिया में मरीज को पूरी तरह बेहोश नहीं किया जाता, बल्कि मरीज होश में रहते हैं, बातचीत कर सकते हैं और स्वयं सांस ले सकते हैं। इससे जनरल एनेस्थीसिया से जुड़ी संभावित जटिलताओं- जैसे मतली, चक्कर, श्वसन अवरोध और रिकवरी में देरी से बचाव होता है।

मरीज को अधिक आरामदायक और सुरक्षित अनुभव
यह सर्जरी मेडिकल कॉलेज रायगढ़ की सर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग की टीम ने की है। पूरे ऑपरेशन के दौरान मरीज सजग रहीं और उनकी सभी शारीरिक गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी गई। विशेष रूप से ऑपरेशन के बाद भी इसी एपिड्यूरल कैथेटर से दर्द निवारक दवाएं दी जाती रहीं, जिससे मरीज को अधिक आरामदायक और सुरक्षित अनुभव प्राप्त हुआ। इस सर्जरी में विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया डॉ. ए.एम. लकड़ा और उनकी टीम ने विशेष दक्षता और सूझबूझ का परिचय दिया। इस प्रक्रिया की सफलता ने न केवल अस्पताल की क्षमता को सुदृढ़ किया है, बल्कि भविष्य के लिए एक प्रेरक उदाहरण भी स्थापित किया है।

बेहतर रिकवरी और नई दिशा
रायगढ़ मेडिकल कॉलेज की यह पहल दर्शाती है कि अब छोटे से लेकर जटिल ऑपरेशन भी आधुनिक क्षेत्रीय एनेस्थीसिया विधियों से सुरक्षित और कुशलतापूर्वक किए जा सकते हैं। इससे मरीजों की रिकवरी तेज होती है, आईसीयू (ICU) या लंबे समय तक बेहोशी से जुड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है और मरीज मानसिक रूप से भी अधिक स्थिर रहते हैं। उल्लेखनीय है कि, थोरैसिक एपिड्यूरल ब्लॉक द्वारा एनेस्थीसिया तकनीक से ऑपरेशन सामान्यतः बड़े शहरों और महानगरों में किए जाते हैं, जो अब रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भी संभव हो गए हैं। इससे रायगढ़-जशपुर अंचल सहित आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को लाभ मिलेगा।

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