किसान एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन ठप्प: किसानों की बढ़ी परेशानियां, 5 सितंबर पोर्टल बंद होने की डेड लाइन

मीडिया से अपनी समस्याओं को साझा करते हुए किसान
कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में धान खरीदी से पहले शुरू हुई एग्रीस्टैक पोर्टल पंजीयन प्रक्रिया किसानों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। जिले के लवन, कसडोल और पलारी सहित कई क्षेत्रों में पंजीयन कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पाने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि, यदि इसी तरह से चलता रहेगा तो धान खरीदी की प्रक्रिया से वंचित हो जायेंगे।
जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष जिले के 1.60 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, जबकि इस बार अब तक केवल 1.40 लाख किसानों का ही पंजीयन हो सका है। यानी जिले में अभी भी करीब 20 हजार किसानों का पंजीयन अधूरा है। सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन के बिना किसान धान नहीं बेच पाएंगे। साथ ही 5 सितंबर को पोर्टल की अंतिम तिथि तय की गई है, जिसके बाद पंजीयन प्रक्रिया लॉक हो जाएगी।
बलौदा बाजार। किसान एग्रीस्टैक पोर्टल पंजीयन में दिक्कतें आ रही है। जिसको लेकर किसानों ने मामले में अब शिकायत दर्ज की है। #ChhattisgarhNews #haribhoomi @BalodaBazarDist @DeepakSoni_1 pic.twitter.com/8u1rHNnEfq
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) August 29, 2025
समर्थन मूल्य पर धान बेचने से हो जायेंगे वंचित- किसान
किसानों की चिंता है कि, यदि समय पर तकनीकी दिक्कतें दूर नहीं हुईं, तो वे समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित हो जाएंगे। पंजीयन किसान सहकारी समितियों और ग्राहक सेवा केंद्रों में निःशुल्क किया जा रहा है, लेकिन तकनीकी खामियों और सॉफ्टवेयर अपडेट न होने के कारण बड़ी संख्या में किसानों का पंजीयन अधूरा रह गया है।
पंजीयन को लेकर हो रही दिक्कतें
सबसे बड़ी दिक्कत संयुक्त खाता रखने वाले किसानों को आ रही है, क्योंकि पंजीयन केवल परिवार के एक सदस्य के नाम से ही संभव है। इसके अलावा कई किसानों के रिकॉर्ड दुरुस्त न होने और खातों का अपडेट न होने से भी दिक्कतें बढ़ गई हैं। किसान इन समस्याओं को सुलझाने के लिए बार-बार पटवारी एवं राजस्व विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
किसानों ने की शिकायत
इस मामले को लेकर सैकड़ों किसानों ने किसान नेता एवं पूर्व कृषक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई। शर्मा ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि सरकार की मंशा किसानों की मदद करने की नहीं, बल्कि उन्हें उलझाने की है। धान खरीदी की घोषणा कर दी गई है, लेकिन एग्रीस्टैक पंजीयन की तकनीकी अड़चनों ने किसानों को भ्रमित कर दिया है। सरकार को चाहिए कि तुरंत समाधान निकाले, ताकि किसानों को राहत मिल सके। कुल मिलाकर, जिले के 20 हजार किसान अब भी पंजीयन से वंचित हैं और 5 सितंबर की डेडलाइन उनके लिए चिंता का बड़ा सबब बनी हुई है।
