सौर ऊर्जा से समृद्धि की ओर छत्तीसगढ़: अब मुफ्त बिजली साथ अतिरिक्त कमाई का अवसर, जनता को भारी बिजली बिल से मिली निजात

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से नाथूराम साहू बने आत्मनिर्भर
रायपुर। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अब छत्तीसगढ़ में एक नए युग की शुरुआत कर रही है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को अब छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का भी प्रत्यक्ष सहयोग प्राप्त हो गया है। इसका परिणाम है, डबल सब्सिडी का लाभ और हाफ बिजली से मुफ्त बिजली की दिशा में ठोस कदम। इस योजना से न केवल घरों में मुफ्त बिजली मिलेगी, बल्कि आमजन के मासिक खर्च में भी अभूतपूर्व कमी आएगी। इसके साथ ही अतिरिक्त बिजली की बिक्री से कमाई का नया अवसर भी खुलेगा।

क्या है योजना
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का उद्देश्य देशभर में आवासीय भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर घर-घर स्वच्छ और निःशुल्क ऊर्जा पहुंचाना है। वर्ष 2024 में इसकी घोषणा के बाद से यह योजना पूरे भारत में लागू की जा रही है। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस योजना में अपनी हिस्सेदारी जोड़ दी है, जिसके तहत राज्य सरकार केंद्र द्वारा दी जा रही सब्सिडी के अतिरिक्त स्वयं की ओर से भी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसका परिणाम है कि उपभोक्ताओं को डबल सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा।
डबल सब्सिडी का लाभ
पूर्व में केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने पर 60% तक की सब्सिडी देती थी। छत्तीसगढ़ सरकार अब इस सब्सिडी में अपनी भागीदारी जोड़कर उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान कर रही है। यानी, एक सामान्य 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम की लागत लगभग 1.5 लाख होती है, जिसमें अब उपभोक्ता को केवल 30 से 40 हजार ही वहन करना होगा।

आसान ऋण और सस्ती ईएमआई
छत्तीसगढ़ सरकार और बैंकिंग संस्थाओं के बीच हुए करार के तहत अब उपभोक्ताओं को 6.5% की रियायती ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध होगी। इससे मासिक ईएमआई बेहद कम हो जाएगी। इतना कम कि यह आपके मौजूदा मासिक बिजली बिल से भी कम हो सकता है।इसका अर्थ है कि उपभोक्ता हर माह बिजली का बिल देने के बजाय अब सोलर सिस्टम का ईएमआई देगा और कुछ वर्षों बाद जीवनभर मुफ्त बिजली का आनंद लेगा।
बिजली बेचो, आमदनी पाओ
सूर्य ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि आपके घर की खपत से अधिक है, तो वह अतिरिक्त बिजली राज्य की डिस्कॉम कंपनियों को ग्रिड के माध्यम से बेची जा सकती है। इस अतिरिक्त बिक्री से उपभोक्ता को आय होगी, जिससे वह न केवल अपने निवेश की भरपाई कर सकेगा बल्कि एक अतिरिक्त आमदनी का साधन भी विकसित होगा। 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं।

आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम
- 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन
- उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम ₹1,08,000/- तक की सब्सिडी
- 30 हजार केंद्र से और 15 हजार राज्य से, कुल 45 हजार की वित्तीय सहायता
- उपभोक्ता को लगभग 15 हजार स्वयं का व्यय
- 2 किलोवॉट प्लांट से प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन
- इसके लिए 90 हजार तक कुल सब्सिडी
- उपभोक्ता को केवल 30 हजार का स्वयं का व्यय
- 3 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन
- इसमें ₹78 हजार केंद्र + 30 हजार राज्य यानी कुल 1 लाख 8 हजार की सहायता
- उपभोक्ता को ₹72 हजार का स्वयं का व्यय
योजना के प्रमुख लाभ
- केंद्र और राज्य सरकार से डबल सब्सिडी सीधे खाते में
- एक बार सोलर पैनल लग जाने के बाद 20 से 25 साल तक मुफ्त बिजली
- लगातार और भरोसेमंद बिजली की आपूर्ति
- बिजली कटने की परेशानी से छुटकारा
- जरूरत से ज्यादा बिजली बेचकर आमदनी
- स्वच्छ और हरित जीवनशैली को बढ़ावा
पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना
- 31 लाख सामान्य और कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को मिलेगा पूर्ववत लाभ
- 15 लाख बीपीएल परिवारों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा
100 यूनिट बिजली की खपत पर 50% की छूट
छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है।
गरीब परिवारों को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली
वर्तमान में राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। अतः इस संशोधन के बावजूद, इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।

दीपक देवांगन को योजना से मिला लाभ
रायगढ़ जिले के कोड़ातराई निवासी दीपक देवांगन ने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है। दीपक के घर में कुल 6 सदस्य हैं, उनके घर में बिजली से चलने वाले उपकरण लगे हैं। दीपक ने अपने घर की छत पर 5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाया है, जिसके बाद उन्हें बिजली बिल में काफी अंतर देखने को मिला। दीपक ने बताया कि, अप्रैल 2024 में उनका बिजली बिल 3 हजार 790 रुपए तक आया था। जिसके बाद दीपक देवांगन ने 3 हजार 177 रूपये बिजली विभाग को ट्रांसफर किया। इस दौरान विभाग ने अपनी जरुरत के लिए ली गई बिजली की राशि 2 हजार 256 रुपये रही। यह राशि विभाग को बेचीं गई बिजली के पैसे में समायोजित हो गई। वहीं 921 अतिरिक्त विभाग के पास बच गए जो माइनस में दर्ज होकर आया। यह पैसा विभाग से बिजली लेने पर समायोजित हो जायेगा।
सस्ता और लाभदायक - दीपक
दीपक देवांगन ने योजना की तारीफ करते हुए कहा- यह योजना बहुत भी लाभदायक है। घर पर ही बिजली पैदा होने के कारण विभाग की बिजली की खपत में कमी आएगी। साथ ही ज्यादा उत्पादन के दबाव से भी राहत मिलेगी। जितने ज्यादा घरों में सोलर पैनल लगेगा उतना ही इसका लाभ मिलेगा। यह सस्ता होने के साथ- साथ पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है।

गोरे सिंह को भारी बिजली बिल से मिली राहत
योजना की जानकारी मिलने के बाद कोरबा जिले के कटघोरा निवासी गोरे सिंह राजपूत ने भी अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है। गोरे सिंह ने बताया कि, मुझे प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद मैंने योजना के तमाम पहलुओं को समझने के बाद सोलर पैनल लगाने का निर्णय लिया। इसके बाद मैंने योजना का लाभ पाने के लिए विभाग में आवेदन किया। इसके कुछ दिनों के बाद ही मेरे घर की छत पर 1.95 लाख रुपए की लागत से 3 किलोवाट का सोलर पैनल लग गया।
शासन ही योजना बेहद लाभकारी - गोरे सिंह राजपूत
गोरे सिंह ने बताया कि, पैनल लगने से पहले उन्हें हर माह दो- तीन हजार बिजली बिल चुकानी पड़ती थी। वहीं अब बिजली बिल लगभग शून्य है, गोरे सिंह शासन की योजना का लाभ लेकर घरेलु बिजली पैदा कर रहे हैं।साथ ही बिजली विभाग को बिजले बेचकर आय भी अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा- सोलर पैनल पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से बेहद लाभदायक है। इससे हमें तो लाभ मिल ही रहा है साथ ही प्रकृति को भी कोई हानि नहीं हो रही है। इसे लगाने के बाद मेरे घर के बिजली बिल की राशि में भारी कमी आई है।
